वक्फ कानून के विरोध में हिंसा, पुलिस और ISF समर्थकों के बीच झड़प

नयी दिल्ली { गहरी खोज } : पश्चिम बंगाल के भांगर इलाके में हाल ही में हिंसा की घटनाएं सामने आईं, जब पुलिस ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट के समर्थकों को कोलकाता की ओर मार्च करने से रोक दिया। पुलिस की ओर से रास्ता रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर किया गया। एक वीडियो में पुलिस की एक गाड़ी क्षतिग्रस्त दिखाई दे रही है, और कई दोपहिया वाहन जलते हुए नजर आ रहे हैं।
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट के समर्थक कोलकाता जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी बसों को रास्ते में ही रोक लिया। इससे हिंसा भड़क गई और पश्चिम बंगाल के कई जिलों, जैसे मालदा और मुर्शिदाबाद में व्यापक हिंसा हुई। इस हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
इंडियन सेक्युलर फ्रंट राज्य विधानसभा में तृणमूल और भाजपा के अलावा एकमात्र प्रतिनिधित्व रखने वाली पार्टी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने भांगर से कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट के वाहनों को रोक दिया। इसके बाद, इंडियन सेक्युलर फ्रंट कार्यकर्ताओं ने बसंती एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया, जिससे और तनाव बढ़ गया।
मुर्शिदाबाद में हो रही हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बीएसएफ के जवानों पर गंभीर आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि कुछ बीएसएफ जवान हिंसा फैलाने वालों को बंगाल में प्रवेश करने की अनुमति दे रहे हैं, और वे बाद में वापस लौट जाते हैं। भाजपा नेता दिलीप घोष ने भी यही आरोप लगाए थे। तृणमूल कांग्रेस ने यह सवाल उठाया है कि अगर दिलीप घोष को इस बात की जानकारी है, तो गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री इससे अनजान कैसे हो सकते हैं?