दूध, दही से ज्यादा सस्ता हुआ कच्चा तेल, क्या अब सस्ता होगा फ्यूल?

नयी दिल्ली { गहरी खोज } : देश में टोंड दूध का एक लीटर का पैकेट 55 से 57 रुपए का है। जबकि दही के एक किलो पैकेट का दाम 70 से 75 रुपए के बीच है। वहीं दूसरी ओर भारत में कच्चे तेल की कीमत 5561 रुपए प्रति बैरल यानी एक लीटर कच्चे तेल की 35 रुपए के करीब पहुंच गई है। उसके बाद भी देश के चार महानगरों में से तीन में पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है। वहीं डीजल की कीमत 90 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है। कुछ दिन पहले पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि ऑयल कंपनियां फ्यूल की कीमत में कटौती कर सकती हैं। लेकिन अभी ओएमसी की ओर से ऐसे कोई संकेत मिलते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर न्यूयॉर्क से लेकर खाड़ी देश और नई दिल्ली में कच्चे तेल के दाम कितने देखने को मिल रहे हैं।
भले ही मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिल रहा हो, लेकिन सोमवार सुबह क्रूड ऑयल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे थे। मौजूदा आंकड़ों को देखें तो खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल एक फीसदी की तेजी के साथ 65.36 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि आज सुबह ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 64.41 डॉलर प्रति ओंस पर आ गई थी। पिछले साल के आखिरी कारोबारी ब्रेंट क्रूड ऑयल कीमतें 74.64 डॉलर प्रति बैरल थी। जिसमें अब तक 10 डॉलर की गिरावट देखने को मिल चुकी है।
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में भी काफी गिरावट देखी जा चुकी है। मौजूदा समय में डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम करीब एक फीसदी की तेजी के साथ 62.07 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं। जबकि आज सुबह कीमतें 61.16 डॉलर प्रति बैरल के साथ लोअर लेवल पर थी। जबकि दो दिन पहले कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे थे। अगर बात मौजूदा साल की करें तो अमेरिकी ऑयल में 10 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट देखने को मिल चुकी है।
वहीं दूसरी ओर भारत में कच्चे तेल की कीमत की बात करें तो 5,300 रुपए प्रति बैरल पर देखने को मिल रही है। मल्टी कमाेडिटी एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार 11 अप्रैल को कच्चा तेल 5,310 रुपए पर बंद हुआ था। 5,130 रुपए के साथ लोअर लेवल पर पहुंच गया था। 21 जनवरी को कच्चे तेल के दाम 6,525 रुपए प्रति बैरल पर थे। इसका मतलब है कि इस दौरान भारत में कच्चे तेल की कीमतों में 1,395 रुपए प्रति बैरल तक सस्ता हो चुका है। जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की अहम वजह टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल देना है। जिसका असर कीमतों में देखने को मिल रहा है।