अब आई बल्लेबाजों की शामत! वनडे क्रिकेट से ये बड़ा नियम खत्म करेंगे: जय शाह

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों का दबदबा बढ़ने के बाद अब आईसीसी ने एक बहुत बड़ा फैसला लेने का मन बना लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आईसीसी वनडे क्रिकेट में एक ऐसा नियम हटाने वाली है जिससे बल्लेबाजों की शामत आ जाएगी। रिपोर्ट्स हैं कि आईसीसी वनडे क्रिकेट में दो नई गेंदों का नियम खत्म कर सकती है। आईसीसी की क्रिकेट कमेटी ने ये सिफारिश की है। सिफारिश के मुताबिक गेंदबाजी कर रही टीम दो नई गेंदों से शुरू करेगी लेकिन 25 ओवर के बाद उसे किसी एक गेंद को चुनना होगा। मतलब जिस गेंद को वो चुनेगी उससे ही बचे हुए ओवर फेंके जाएंगे।
आईसीसी अगर इस नियम को लागू कर देती है तो इससे बल्लेबाजों की शामत आ सकती है। वो इसलिए क्योंकि अगर 25 ओवर के बाद एक ही गेंद चलेगी तो उसके बाद गेंदबाजों के पास रिवर्स स्विंग कराने का मौका होगा। गेंद रिवर्स स्विंग हुई तो बल्लेबाजों को डेथ ओवर्स में शॉट खेलने में मुश्किल जरूर होगी। कुल मिलाकर आईसीसी का नियम गेंदबाजों को भी बल्लेबाजों के साथ बराबरी का मौका देगा। हालांकि यहां बड़ी बात ये है कि रिवर्स स्विंग सलाइवा के इस्तेमाल से भी होती है। आईपीएल में गेंद पर सलाइवा लगाने की इजाजत मिल गई है लेकिन अभी आईसीसी ने इससे रोक नहीं हटाई है। अब देखना ये है कि आईसीसी चीफ जय शाह क्या फैसला लेते हैं।
कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स दो-बॉल के नियम की आलोचना करते रहे हैं, जिसमें सचिन तेंदुलकर ने इसे “आपदा की रेसिपी” बताया है। सचिन ने कुछ साल पहले एक सोशल मीडिया टिप्पणी में कहा था, “वनडे क्रिकेट में दो नई गेंदों का इस्तेमाल आपदा की सही रेसिपी है, क्योंकि किसी भी गेंद को रिवर्स स्विंग के लिए पर्याप्त पुरानी होने का समय नहीं मिल पाता। हम लंबे समय से डेथ ओवर्स का अहम हिस्सा रहे रिवर्स स्विंग को नहीं देख रहे हैं।” तब से वनडे में बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बहाल करने की वकालत करते आ रहे हैं, जो उनके अनुसार बल्लेबाजों के पक्ष में झुका हुआ है। यहां तक कि ब्रेट ली भी सचिन के इस तर्क का समर्थन कर चुके हैं।
सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति ने अपना होमवर्क पूरा कर लिया है। अतीत में, सफेद गेंद अक्सर 35वें ओवर तक खराब या रंगहीन हो जाती थी, जिससे अंपायरों को पारी के बीच में इसे बदलना पड़ता था। प्रस्तावित नए नियम के तहत, 50 ओवर पूरे होने तक इस्तेमाल की जाने वाली गेंद अधिकतम 37-38 ओवर पुरानी होगी। मौजूदा दौर में, विकेट के दोनों छोर से एक साथ दो गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब है कि प्रत्येक गेंद सिर्फ 25 ओवर तक चलती है। इस सिफारिश पर जिम्बाब्वे में चल रही आईसीसी बैठकों में चर्चा होने की उम्मीद है।

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