वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल, राजस्थान में विरोध प्रदर्शन, कश्मीर में हुर्रियत नेता नजरबंद!

नई दिल्ली{ गहरी खोज } : वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में इस कानून के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। कुछ जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं। बंगाल के मुर्शिदाबाद के सुती थाना अंतर्गत साजुर चौराहे पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटों से हमला किया। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें बरसानी शुरू कर दीं। इस घटना से इलाके में व्यापक दहशत फैल गई और राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां भांजी।
बंगाल की राजधानी कोलकाता में आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर से रैली निकालते हुए कानून को वापस लेने की मांग की और सेवन पॉइंट क्रॉसिंग इलाके को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि केंद्र सरकार की ओर से कानून में संशोधन एक विशेष समुदाय के खिलाफ भेदभाव करता है। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करता है और इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।दूसरी ओर राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिला। लोगों ने जयपुर के भट्टा बस्ती इलाके में AIMIM पार्टी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया और कानून में किए गए संशोधन को वापस लेने की मांग की। इस प्रदर्शन में पार्टी पदाधिकारी सहित अन्य लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जमीर खान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लोकतंत्र के खिलाफ जाकर बिल में संशोधन किया है। सरकार को इस संशोधन का तुरंत वापस लेना चाहिए। वहीं पार्टी के जुबेर खान ने कहा कि यदि इस संशोधन को वापस नहीं लिया जाता तो बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा।
इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने दावा किया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। इसके अलावा उन्हें जामिया मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा करने की भी अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ, कई धार्मिक संगठनों के एक समूह मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) द्वारा तैयार किए गए एक प्रस्ताव की एक प्रति भी पोस्ट की।