को-लेंडिंग को लेकर सभी वित्तीय संस्थाओं के लिए व्यापक मसौदा दिशा-निर्देश जारी

0
images (3)

मुंबई{ गहरी खोज } : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने को-लेंडिंग व्यवस्थाओं को लेकर मौजूदा दिशा-निर्देशों का दायरा बढ़ाते हुए अब एक सामान्य नियामकीय ढांचा का मसौदा जारी किया है।
यह निर्णय को-लेंडिंग प्रथाओं में आए बदलाव और विभिन्न वर्गों की विस्तृत ऋण जरूरतों को टिकाऊ तरीके से पूरा करने की संभावनाओं को देखते हुए लिया गया है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासक तीन दिवसीय बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक को-लेंडिंग के दिशा-निर्देश केवल बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के बीच प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के लिए ही लागू थे। लेकिन, बदलते आर्थिक और ऋण परिवेश को देखते हुए आरबीआई ने अब इसे सभी विनियमित संस्थाओं (आरई) के बीच विविध प्रकार की को-लेंडिंग व्यवस्थाओं तक विस्तार करने का निर्णय लिया है।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि को-लेंडिंग अब केवल बैंकों और एनबीएफसी तक सीमित नहीं रहेगी। सभी प्रकार की विनियमित संस्थाओं के बीच को-लेंडिंग के लिए दिशा-निर्देश का प्रस्ताव किया गया है। यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा और ऋण की पहुंच को सरल बनाएगा। मसौदा दिशा-निर्देश सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *