ब्रिक्स चैंबर की महिला सशक्तीकरण इकाई का लिंग समानता के लिए वैश्विक त्वरित कार्रवाई पर बल

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: ब्रिक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की महिला सशक्तीकरण इकाई (ब्रिक्स सीसीआई वी) ने ‘समान लिंग वाली दुनिया के लिए त्वरित कार्य’ शीर्षक से श्वेतपत्र जारी किया है जिसमें महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए सार्थक वैश्विक कार्यक्रम शुरू करने पर बल दिया गया है।
‘ब्रिक्स सीसीआई वी’ की ओर से मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उसने इस श्वेत-पत्र में महिलाओं के लिए कंपनी का बोर्ड हो, न्यायपालिका और सांस्कृतिक संगठनों समेत हर क्षेत्र में 33 प्रतिशत कोटा अनिवार्य करने की सिफारिश की है।
श्वेत-पत्र में विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि वर्तनाम ढर्रे पर दुनिया में वर्ष 2158 तक (यानी 133 वर्ष के बाद भी) पूर्ण लिंग समानता हासिल नहीं की जा सकती है।
श्वेत-पत्र में चुनावों में महिला उम्मीदवारों और महिलाओं के नेतृत्व वाले संगठनों के लिए आईएसओ मानक प्रमाणन के लिए कोष की स्थापना करने, विवाद निस्तारण के लिए परिषद, मातृत्व लाभों के लिए राज्य का सहयोग, लिंग के आधार पर अलग अलग डेटा संग्रह एवं निगरानी, महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता और कौशल विकास की पहल की भी सिफारिश की गई है।
संगठन की विज्ञप्ति के अनुसार इस श्वेतपत्र में विश्व में बदलाव लाने वाली महिलाओं, उद्यमियों, कॉरपोरेट अधिकारियों और नीति विशेषज्ञों के दृष्टिकोण को शामिल किया गया है ।
विज्ञप्ति के अनुसार इस विषय में अयोजित ब्रिक्स सीसीआई-वी की एक गोलमेज चर्चा में भारतीय संसद के सचिवालय में पूर्व अपर सचिव (लोक सभा) और ब्रिक्स सीसीआई की वरिष्ठ सलाहकार कल्पना शर्मा ने कहा, “व्यवस्थागत बदलाव के लिए राजनीतिक प्रतिनिधित्व एक महत्वपूर्ण कारक होता है। गठबंधन, मार्गदर्शन और नेतृत्व एक ऐसे भविष्य को तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं जहां महिलाएं न केवल भागीदारी करें, बल्कि नेतृत्व भी करें।”
ब्रिक्स सीसीआई-वी की अध्यक्ष रूबी सिन्हा के मुताबिक, “दुनियाभर में करीब 3.8 अरब की महिलाओं की आबादी में से दो अरब से अधिक महिलाएं ब्रिक्स देशों में रहती हैं जिससे वैश्विक स्तर पर लिंग समानता के लिए उनका सशक्तीकरण महत्वपूर्ण है। महिलाओं को साझीदारी, सक्रिय नेटवर्क और वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता है जिससे वे एक प्रतिस्पर्धी बाजार स्थल में सफलता हासिल कर सकें।”
विज्ञप्ति के अनुसार इस श्वेतपत्र में ब्रिक्स वुमेन्स बिजनेस एलायंस दक्षिण अफ्रीका की चेयरपर्सन लेबोगैंग जुलु, दिल्ली की पूर्व पार्षद डाक्टर नंदिनी शर्मा, पत्रकार ललिता पानिकर, बायोफूडलैब्स की सीईओ एवं संस्थापक एलेना शिफ्रिना, अधिवक्ता अमृता ग्रोवर, परोपकारी डाक्टर वल्ली अरुणाचलम, जीरोटु-3 कलेक्टिव की संस्थापक एवं सीईओ अनुराधा चौधरी , ब्रिक्स बिजनेस इनक्यूबेटर के इंटरनेशनल एक्सिलरेशन प्रोग्राम की निदेशक तातियाना सेलिवरस्तोवा और ब्रिक्स सीसीआई की कार्यकारी निदेशक शबाना नसीम और कई अन्य विशेषज्ञों के सुझाव शामिल किए गए हैं।
इस श्वेतपत्र में चर्चा से परे जाकर कार्रवाई योग्य साहसिक कदम उठाने और लिंग समानता की दिशा में वास्तविक, मापी जाने योग्य प्रगति हासिल करने की भी वकालत की गई।

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