Chaitra Navratri 2025: आदिशक्ति की आराधना के साथ-साथ इन वजहों से भी खास है चैत्र नवरात्र का पर्व

- मां दुर्गा के लिए समर्पित है चैत्र नवरात्र की अवधि।
- इस दौरान की जाती है मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा।
- साधक को मिलता है मां दुर्गा का आशीर्वाद।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है, जो इस साल 30 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं। यह अवधि पूर्ण रूप से जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित मानी जाती है और इस दौरान उनके भिन्न-भिन्न रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार मां दुर्गा से महिषासुर नामक राक्षस से 9 दिनों तक 9 अलग-अलग स्वरूपों में युद्ध किया था और उस राक्षस का वध कर दिया। लेकिन इसके अलावा भी अन्य कई कारण चैत्र नवरात्र को खास बनाते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
मनाए जाते हैं ये पर्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्र के पहले दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है, तो वहीं आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में इसे उगादी के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार चैत्र नवरात्र से नववर्ष के पंचांग की गणना शुरू हो जाती है।