गुजरात के शख्स को टॉयलेट में बैठे-बैठे कोर्ट की सुनवाई में शामिल होना पड़ा महंगा, HC ने ठोका 2 लाख का जुर्माना

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अहमदाबाद: वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई से लोगों को कहीं से भी शामिल होने की सुविधा मिलती है, लेकिन दो लोगों को यह महंगा पड़ गया। दरअसल कोर्ट के नियमों का पालन न करने पर दो लोगों को जुर्माना भरना पड़ा। ये दोनों गुजरात हाई कोर्ट की कार्यवाही में वीडियो लिंक के माध्यम से शामिल हुए थे। एक शख्स टॉयलेट से सुनवाई में शामिल हुआ। हाईकोर्ट ने उस पर2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और सामुदायिक सेवा करने की सजा दी । दूसरे व्यक्ति ने बिस्तर पर लेटे हुए सुनवाई में भाग लिया। उसे भी जुर्माना देना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि वह मूवी देख रहा है।

पहले मामले में धवल पटेल नाम का एक व्यक्ति जस्टिस एम. के. ठक्कर की कोर्ट में ऑनलाइन वीडियो लिंक से जुड़ा। वह एक मुकदमे में शामिल व्यक्ति का बेटा था। कोर्ट ने 42 वर्षीय धवल पटेल का लिंक काट दिया। क्योंकि वह अनुचित तरीके से जुड़ा था। लेकिन, वह फिर से टॉयलेट से कार्यवाही में शामिल हो गया। कोर्ट ने फिर से उसका लिंक काट दिया। कोर्ट ने उसके बारे में जानकारी ली। पता चला कि वह ग्रेजुएट है और एक बड़ी कंपनी में काम करता है। धवल पटेल के व्यवहार से नाराज होकर जज ने 5 मार्च को एक आदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में, यह अनुचित हरकत न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि शर्मनाक भी है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। अगर कोर्ट ऐसे व्यक्ति के साथ सख्ती से नहीं निपटते हैं, तो इससे जनता की नजरों में संस्था की गरिमा कम हो सकती है।

]2 लाख रुपये जुर्माना लगाया
हाई कोर्ट ने पटेल पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उसने यह राशि कोर्ट में जमा कर दी। कोर्ट ने आदेश दिया कि क 50,000 अनाथालय को दान किए जाएं। यह अनाथालय पालडी में है। बाकी राशि गुजरात हाई कोर्ट कानूनी सहायता प्राधिकरण के पास जमा की जाएगी। कोर्ट ने पटेल को दो सप्ताह तक हाई कोर्ट परिसर, सोला के बगीचों को साफ करने और पानी देने का भी निर्देश दिया। उसे हर दिन आठ घंटे सामुदायिक सेवा करनी थी। उसकी सेवा गुरुवार को समाप्त हो गई।

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