ब्लड मून के दौरान चंद्र मिशन पर खतरा, पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान क्या मर जाएगा नासा और चीन का चंद्रयान? एक्सपर्ट से समझें

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वॉशिंगटन: दुनिया के खगोलविज्ञानी और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए गुरुवार-शुक्रवार (13-14 मार्च) की रात अंतरिक्ष में ब्लड मून का अनोखा नजारा होगा। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया में रहेगा, जिसे पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। लेकिन जब ये घटना हो रही होगी, ठीक उसी समय अंतरिक्ष में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे अंतरिक्ष यान के लिए खतरा पैदा होने जाएगा। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) के लिए यह समय खुद को बचाने की चुनौती लेकर आएगा, जो साल 2009 से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।

चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले ऑर्बिटर सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं, लेकिन चंद्रग्रहण के दौरान चांद पृथ्वी की छाया में चला जाता है और यह सूर्य से कट जाता है। ऐसे में इसके संचालन के लिए समस्या उत्पन्न होने लगती है। स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में LRO मिशन के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नोआ पेट्रो के हवाले से बताया गया कि पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्र अंतरिक्ष यान के ऐसे उपकरण जो आवश्यक नहीं है, उन्हें बंद रखा जाएगा।

चंद्र मिशन की बैटरी को खतरा

ग्रहण के दौरान एलआरओ की बैटरी को खतरा है। अंतरिक्ष यान सौर ऊर्जा से चलता है और चंद्रमा के चारों ओर अपनी लगभग दो घंटे की कक्षा के दिन के उजाले वाले हिस्से को अपनी ऑनबोर्ड बैटरी को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल करता है। इस चार्जिंग पर वह रात वाले हिस्से में निर्भर करता है। हालांकि, नासा ने बताया है कि 2018 तक लगातार चार्जिंग के चलते LRO की बैटरी की दक्षता पहले ही 70 फीसदी तक कम हो गई थी।

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