समृद्धि के लिए भारत को अपने सभ्यतागत मूल्यों में पुनर्निवेश करना होगा: WHEF 2025 में एच. एम. बांगुर
मुंबई{ गहरी खोज }: श्री सीमेंट के चेयरमैन और उद्योगपति एच. एम. बांगुर ने मुंबई में आयोजित वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम (WHEF) 2025 में कहा कि सतत समृद्धि हासिल करने के लिए भारत को अपने सभ्यतागत मूल्यों में दोबारा निवेश करना होगा। दो दिवसीय सम्मेलन का विषय “नवाचार, आत्मनिर्भरता और समृद्धि” रहा, जिसका उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, स्वामी विज्ञानानंद और सज्जन जिंदल सहित कई प्रमुख उद्योगपति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में बांगुर ने भारत की प्रतिभा, संसाधनों और तकनीक की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि देश को प्रेरणा के लिए विदेशों की ओर देखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने नैतिक आर्थिक सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए कहा, “धर्म, अर्थ का मार्गदर्शन करता है,” और मुनाफा हमेशा जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। उन्होंने मैकाले शिक्षा प्रणाली से आगे बढ़कर पारंपरिक भारतीय मूल्यों को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया और याद दिलाया कि यूरोपीय उपनिवेशवाद से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत थी।
बांगुर ने मुख्यमंत्री फडणवीस को महाराष्ट्र में ₹2,000 करोड़ के निवेश के लिए आशय पत्र भी सौंपा। नवाचार पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह श्री सीमेंट ने ऊर्जा दक्षता बढ़ाई, जिससे बिजली संयंत्र 60 प्रतिशत के बजाय 30 प्रतिशत क्षमता पर संचालित हो सके और कोयले की खपत में उल्लेखनीय कमी आई। उन्होंने शिक्षा और उद्योग—दोनों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सोच में बदलाव की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने WHEF को संवाद और सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जो हिंदू आर्थिक दर्शन में निहित है और समृद्ध व सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण में सहायक हो सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और विकास में मध्य प्रदेश की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने खनन, ऊर्जा, पर्यटन और धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों में ₹8.5 लाख करोड़ के निवेश और विकास का उल्लेख किया।
