2026 की शुरुआत से पहले अमेरिका के यात्रा और आव्रजन प्रतिबंध और सख्त

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वॉशिंगटन{ गहरी खोज }: ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह यात्रा प्रतिबंधों को 20 और देशों तथा फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) तक बढ़ा रहा है। इससे उन देशों की संख्या दोगुनी हो गई है, जिन पर इस साल की शुरुआत में अमेरिका आने और बसने को लेकर कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे।
ट्रंप प्रशासन ने पांच और देशों को उन देशों की सूची में शामिल किया है, जिनके नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा जारी यात्रा दस्तावेज़ों पर यात्रा करने वाले लोगों पर भी पूर्ण रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, 15 अन्य देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।
यह कदम यात्रा और आव्रजन के लिए अमेरिका में प्रवेश मानकों को और कड़ा करने की प्रशासन की जारी कोशिशों का हिस्सा है। आलोचकों का कहना है कि इससे कई देशों के लोगों के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है। प्रशासन ने संकेत दिया कि थैंक्सगिविंग वीकेंड के दौरान दो नेशनल गार्ड जवानों पर गोलीबारी के आरोपी एक अफगान नागरिक की गिरफ्तारी के बाद प्रतिबंधों को और बढ़ाया जाएगा।
हालांकि, जिन लोगों के पास पहले से वैध वीज़ा है, जो अमेरिका के स्थायी निवासी हैं, या जिनके पास कुछ विशेष वीज़ा श्रेणियां (जैसे राजनयिक या खिलाड़ी) हैं, अथवा जिनका प्रवेश अमेरिका के हित में माना जाता है, उन्हें इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। अधिसूचना के अनुसार, ये बदलाव 1 जनवरी से लागू होंगे।
जून में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा, जबकि सात अन्य देशों के नागरिकों पर कड़े प्रतिबंध होंगे। यह फैसला उनके पहले कार्यकाल की एक प्रमुख नीति की वापसी माना गया था।
तब प्रतिबंधित देशों में अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल थे। वहीं, बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के यात्रियों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए गए थे।
मंगलवार को प्रशासन ने घोषणा की कि अब बुर्किना फासो, माली, नाइजर, दक्षिण सूडान और सीरिया के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा जारी यात्रा दस्तावेज़ों पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। दक्षिण सूडान पहले से ही कड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहा था।
आंशिक प्रतिबंधों की सूची में अब 15 और देशों को जोड़ा गया है — अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, बेनिन, आइवरी कोस्ट, डोमिनिका, गैबॉन, गाम्बिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सेनेगल, तंजानिया, टोंगा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे। ये प्रतिबंध अमेरिका आने वाले पर्यटकों और वहां बसने की कोशिश करने वाले दोनों पर लागू होंगे।
प्रशासन ने कहा कि जिन देशों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वहां “व्यापक भ्रष्टाचार, फर्जी या अविश्वसनीय नागरिक दस्तावेज़ और आपराधिक रिकॉर्ड” पाए जाते हैं, जिससे उनके नागरिकों की जांच करना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, कुछ देशों में वीज़ा अवधि से अधिक रुकने की दर ज्यादा है, कुछ अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार करते हैं, या वहां स्थिरता और सरकारी नियंत्रण की कमी है।
इन प्रतिबंधों के विस्तार की आलोचकों ने कड़ी आलोचना की है। इंटरनेशनल रिफ्यूजी असिस्टेंस प्रोजेक्ट की उपाध्यक्ष लॉरी बॉल कूपर ने कहा, “यह विस्तारित प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को उनके देश के आधार पर बदनाम करने की कोशिश है।” अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध प्रयासों में सहयोग करने वाले अफगानों के समर्थकों ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि नए आदेश में स्पेशल इमीग्रेंट वीज़ा (SIV) के लिए पात्र अफगानों को दी जाने वाली छूट हटा दी गई है। कुछ नए प्रतिबंधित देशों की सरकारों ने कहा है कि वे इस फैसले का अध्ययन कर रही हैं और अमेरिका से स्पष्टीकरण मांगेंगी।

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