भारत-ओमान सीईपीए की संभावना; ओमानी कंपनियों को व्यापार में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद
मस्कट{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को यहां पहुंचने से पहले ओमान के कारोबारी नेताओं को भारत के साथ प्रस्तावित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के जरिए द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि, रोजगार के बेहतर अवसर और गहन आर्थिक विविधीकरण की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान इस ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर होने की संभावना है।
खिमजी रामदास समूह के निदेशक अजय खिमजी ने प्रधानमंत्री की यात्रा को “भारत और ओमान के लिए सम्मान की बात” बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच “गहरे रणनीतिक विश्वास” की पुष्टि करती है।
खिमजी ने पीटीआई वीडियो से कहा, “भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता आने वाले एक सदी के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण की घोषणा है। यह केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि व्यापार, निवेश और सेवाओं में दोनों देशों के बीच मौजूद सभी बाधाओं को हटाकर अभूतपूर्व संभावनाओं को गति देगा। यह दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं, आपूर्ति शृंखला के विविधीकरण और नवाचारों के लिए निश्चितता और विस्तार प्रदान करेगा।” उन्होंने कहा कि यह समझौता द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा तथा व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।
ओमान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के विदेशी निवेश समिति के उपाध्यक्ष डेविस कल्लुकरण ने कहा कि सीईपीए ओमान के कारोबारी माहौल में “बड़ा परिवर्तन” लाएगा। कल्लुकरण ने कहा, “यह ओमान में निर्यात, आयात और उत्कृष्ट रोजगार अवसरों के लिहाज से बड़ा बदलाव लाएगा।” उन्होंने बताया कि वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 12 अरब अमेरिकी डॉलर का है, जो सीमा शुल्क और व्यापार बाधाओं के हटने के बाद सीईपीए पर हस्ताक्षर होने के साथ कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने पारस्परिक लाभों को रेखांकित करते हुए कहा कि ओमान पश्चिम, अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों के बाजारों तक पहुंच का प्रवेश द्वार बन सकता है, जबकि उसे भारत के 1.4 अरब लोगों वाले विशाल बाजार तक पहुंच मिलेगी।
उन्होंने कहा, “ओमान पश्चिम, अफ्रीका और अन्य देशों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में काम कर सकता है। हमारे पास तकनीक है, लोग हैं और विशेषज्ञता है, जिससे भारत लाभ उठा सकता है। वहीं, ओमान को भी 1.4 अरब लोगों वाले बड़े बाजार तक पहुंच मिलने से बड़ा अवसर मिलेगा।” कल्लुकरण ने इस समझौते को ओमान के विजन 2040 से भी जोड़ा, जिसमें कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खनन और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
इस विजन के तहत प्रमुख लक्ष्यों में वर्ष 2040 तक हर साल 1.1 करोड़ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना, लॉजिस्टिक्स से 36 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व, विनिर्माण से 26.8 अरब अमेरिकी डॉलर की आय, खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करना (जो वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में 3.28 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान देती है) और डिजिटल अर्थव्यवस्था के योगदान को सकल घरेलू उत्पाद के 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ाना शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी के मस्कट पहुंचने से पहले बुधवार सुबह भारतीय और ओमानी कारोबारी नेता, दोनों देशों के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
इससे पहले दिन में ओमान में भारत के राजदूत गोदावर्थी वेंकट श्रीनिवास ने इस यात्रा को “बहुत समयोचित” बताया और कहा कि मोदी की 2018 की पिछली यात्रा के बाद से उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, “अब समय है कि संबंधों को और आगे बढ़ाया जाए।” श्रीनिवास ने बताया कि कार्यक्रम में महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद के साथ वार्ता, प्रमुख भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के साथ एक व्यापार मंच और छात्रों व समुदाय के साथ संवाद शामिल है। राजदूत ने यह भी उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगी, जो 2008 में स्थापित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभरे हैं।
