उत्तर प्रदेश में शीतलहर और घना कोहरा; मऊ में सड़क हादसे में एक की मौत
लखनऊ{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में भीषण ठंड और घने कोहरे का प्रकोप जारी है, जिससे सड़क और रेल यातायात के साथ-साथ जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। इसी बीच बुधवार सुबह मऊ जिले में कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में एक ट्रैक्टर चालक की मौत हो गई। यह हादसा सुबह करीब 5.30 बजे शाहरोज़ फोरलेन रोड पर बख्तावरगंज घाट पुल के पास हुआ, जहां घने कोहरे के चलते दृश्यता बेहद कम थी। इसी दौरान पीछे से आ रहे एक ट्रेलर ने सीमेंट से लदे ट्रैक्टर को टक्कर मार दी।
कोपागंज थानाध्यक्ष रविंद्र नाथ राय ने बताया, “घना कोहरा हादसे की मुख्य वजह प्रतीत होता है। टक्कर के बाद ट्रेलर चालक मौके से फरार हो गया है और उसकी तलाश की जा रही है।” पुलिस के अनुसार हादसे के बाद कुछ समय के लिए इस मार्ग पर यातायात बाधित रहा। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में कोहरे से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 25 लोगों की मौत और 59 लोग घायल हो गए थे। सबसे बड़ा हादसा मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ, जहां घने कोहरे के बीच कई वाहनों की टक्कर के बाद आग लग गई और कम से कम 13 लोगों की जान चली गई, पुलिस ने बताया।
इस बीच, मौसम विभाग ने घने कोहरे को लेकर 15 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 20 से अधिक जिलों को येलो अलर्ट पर रखा गया है। लोगों को गुरुवार सुबह तक सतर्क रहने की सलाह दी गई है। गोरखपुर से सटे जिलों, जिनमें महाराजगंज भी शामिल है, में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि खराब दृश्यता के कारण सड़क पर वाहन रेंगते नजर आए, जबकि पैदल चलने वालों को भी बेहद सावधानी से सड़क पार करनी पड़ी।
राजधानी लखनऊ में भी यही हाल रहा, जहां घने कोहरे और तापमान में तेज गिरावट के चलते सुबह के समय यातायात धीमा रहा। लोग बढ़ती ठंड से बचने के लिए मफलर और जैकेट पहने नजर आए। शहर के कई इलाकों में दृश्यता काफी कम रही और विधान भवन का ऊपरी गुंबद भी लंबे समय तक कोहरे में छिपा रहा। लोहिया पथ और गोमती रिवर फ्रंट के आसपास भी कम दृश्यता दर्ज की गई।
देवरिया जिले में घने कोहरे के कारण कई ट्रक सड़क किनारे लंबी कतारों में खड़े नजर आए। एक ट्रक सहायक ने बताया कि आगे का रास्ता मुश्किल से दिखाई दे रहा था, जिसके चलते वाहन या तो रोकने पड़े या बेहद धीमी गति से चलाने पड़े। ठंड से बचने के लिए स्थानीय लोग और ट्रक चालक अलाव जलाते दिखे। ऐसे ही दृश्य जिले के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिले।
हालांकि आगरा में बुधवार सुबह कोहरे से कुछ राहत मिली। स्थानीय निवासियों के अनुसार कोहरा हल्का था, जिससे लोकप्रिय व्यू प्वाइंट्स से ताजमहल साफ दिखाई दे रहा था, हालांकि यमुना नदी के पास हल्की धुंध बनी रही। मंगलवार सुबह घने कोहरे के कारण ताजमहल की दृश्यता काफी कम हो गई थी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कॉलेज जाने वाले छात्रों ने बताया कि ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ गया है। एक छात्र अंकित ने कहा कि खराब दृश्यता के कारण सुबह सार्वजनिक परिवहन के साधन सीमित रहे, जबकि एक अन्य निवासी अंशुल ने बताया कि लोग केवल जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं।
गोंडा जिले में रेलवे स्टेशन पर ठंड और कोहरे का असर साफ दिखा, जहां यात्री ट्रेनों का इंतजार करते हुए कंबलों में लिपटे नजर आए। स्टेशन के बाहर कई स्थानों पर अलाव जलाए गए। बस्ती जिले के निवासी विशाल कुमार, जो गोंडा स्टेशन पर कृषक एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे, ने बताया कि ट्रेन करीब ढाई घंटे की देरी से चल रही है। एक अन्य यात्री अचल कुमार ने कहा कि स्टेशन पर हीटिंग की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें अस्थायी अलाव के पास इंतजार करना पड़ा।
