नमक के दाने से भी छोटा रोबोट- ‘साइंस रोबोटिक्स’ जर्नल में छपी इस रिसर्च ने मेडिकल साइंस को एक नई दिशा दी
विज्ञान { गहरी खोज }:विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा चमत्कार हुआ है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया (UPenn) और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (U-M) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा ‘माइक्रो-रोबोट’ बनाया है, जिसका आकार नमक के दाने से भी छोटा है। ‘साइंस रोबोटिक्स’ जर्नल में छपी इस रिसर्च ने मेडिकल साइंस को एक नई दिशा दी है। खुद सोचता है और तैरता है यह रोबोट यह दुनिया का पहला ऐसा नन्हा रोबोट है जो महसूस कर सकता है, सोच सकता है और अपनी मर्जी से काम कर सकता है। इसके बेहद छोटे शरीर में एक कंप्यूटर, मोटर और सेंसर फिट किए गए हैं। यह रोबोट सौर ऊर्जा से चलता है और तैरने के लिए दो इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल करता है। शरीर के अंदर करेगा मरहम-पट्टी शोधकर्ता मार्क मिस्किन के मुताबिक, भविष्य में इन रोबोट्स का इस्तेमाल इंसान के शरीर के उन हिस्सों तक दवा पहुंचाने के लिए किया जा सकेगा जहां डॉक्टर के औजार नहीं पहुंच पाते। यह टूटे हुए टिशू को जोड़ने में भी मदद करेगा। इसे सिलिकॉन और टाइटेनियम से बनाया गया है और कांच जैसी परत से ढका गया है ताकि शरीर के तरल पदार्थों से यह खराब न हो। भविष्य की तैयारी हालांकि, यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और इंसानों पर इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। वैज्ञानिक डेविड ब्लाउ का कहना है कि उनकी अगली कोशिश इन रोबोट्स को आपस में बात करना सिखाना है, ताकि वे एक टीम की तरह मिलकर बड़ी बीमारियों से लड़ सकें।
