अंबाजी के जंगल की जमीन पर जोरदार घमासान, तीर से हमले के जवाब में टियर गैस
अंबाजी{ गहरी खोज }: गुजरात की प्रमुख तीर्थ स्थल शक्तिपीठ अंबाजी से यूं तो अक्सर मां के दर्शन से जुड़ी हुई या मंदिर से जुड़ी हुई खबरें आती है लेकिन इस बार खबर वहां हुए जबरदस्त घमासान को लेकर आई है। जहां जंगल में ऐसा हंगामा बरपा कि कई लोग घायल हो गए जिसमें तीर भी चले और टियर गैस भी।
अंबाजी में जंगल की जमीन के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। पड़लिया गांव में ग्रामीणों ने फॉरेस्ट विभाग और पुलिस टीम पर हमला कर दिया। पत्थरबाज़ी की, तीर चलाये और वाहनों में आगजनी भी की, इस घटना में 47 से ज़्यादा पुलिस, फॉरेस्ट और रेवेन्यू कर्मचारी घायल हो गए हैं। अंबाजी के पीआई आर।बी। गोहिल पर भी तीर से हमला हुआ है जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गए है।
अंबाजी के पास गब्बर रोड पर पडलिया गांव के जंगल में यूं तो सन्नाटा बरपा होता है लेकिन शनिवार शाम यहां ज़बरदस्त हंगामा हो गया। फॉरेस्ट विभाग की टीम पुलिस बैंडोबस्त के साथ जंगल की ज़मीन पर वृक्षारोपण के लिए पहुंची थी, लेकिन जमीन पर कब्जे के विवाद को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। देखते-ही-देखते भीड़ उग्र हो गई और फॉरेस्ट स्टाफ पर पत्थरबाज़ी शुरू हो गई, अफरातफरी में कई कर्मचारी घायल हो गए।
हमले की जानकारी मिलते ही अंबाजी पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन भीड़ ने पुलिस को भी नहीं बख्शा। उग्र भीड़ ने पुलिस पर भी पत्थर बरसाए और धनुष–बाण से हमला किया। इसी दौरान अंबाजी पुलिस स्टेशन के पीआई आर।बी। गोहिल के कान में तीर लग गया, जिससे वे वहीं गिर पड़े और उनकी हालत गंभीर हो गई।
कुल मिलाकर पुलिस, फॉरेस्ट और रेवेन्यू विभाग के 47 से अधिक कर्मचारी इस हिंसा में घायल हुए हैं। भीड़ ने न सिर्फ पत्थरबाज़ी और तीर–कमान से हमला किया, बल्कि पुलिस के दो और फॉरेस्ट विभाग के दो वाहनों में आग भी लगा दी।
घायलों को पहले अंबाजी रिफरल हॉस्पिटल ले जाया गया, वहां से कई लोगों को बेहतर इलाज के लिए पालनपुर सिविल हॉस्पिटल और नज़दीकी प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। घटना के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अगले दिन बनासकांठा जिले के अलग-अलग थानों से करीब 500 पुलिस जवानों को अंबाजी बुलाकर गांव और आस-पास के इलाकों में तैनात किया गया है, ताकि स्थिति पर काबू रखा जा सके।
पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ मिलकर मौके का पंचनामा किया और 500 से ज़्यादा लोगों के खिलाफ दंगा समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
पालनपुर के विधायक अनिकेत ठाकोर ने कहा कि यह जो अंबाजी में घटना घटी है अधिकारियों पर जो पथराव हुआ है मैं उसकी निंदा करता हूं, मैं इस समय घायलों की खबर जानने के लिए आया हूं और उनका इलाज अच्छे से हो यह देखने आया हूं। अनिकेत ठाकोर घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे, उन्होंने मेडिकल टीम से बात कर बेहतर इलाज के निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
बनासकांठा के एसपी प्रशांत सुम्बे ने कहा कि वन विभाग की तरफ से पेड़ लगाए जाने की कामगिरी की जा रही थी उस वक्त वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पुलिस विभाग और रेवेन्यू के कर्मचारी भी थे जिनके साथ ऐसी संगठन के लोग जो की सरकार और संविधान में न मानते हैं उनके द्वारा इस कार्य में बाधा पैदा की गई। करीबन 500 लोगों की भीड़ कुल्हाड़ी धारिया धनुष बाण पत्थर जैसे घातक हथियार लेकर हमलावर हो गए जिसमें कुल 47 लोग बुरी तरह घायल हुए।
एसपी के मुताबिक पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है, वीडियोग्राफी और ड्रोन फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान की जा रही है। पुलिस का दावा है कि कानून हाथ में लेने वालों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा और अंबाजी के इस संवेदनशील इलाके में अब कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए हैं। एफएसएल टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं और 500 से अधिक लोगों के खिलाफ दंगा (रायटिंग) सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
बहरहाल अंबाजी में जंगल की जमीन पर कब्जे को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब बड़ी प्रशासनिक चुनौती बन गया है।
