अशोक की छाल के फायदे और इस्तेमाल करने का तरीका क्या है, हैवी ब्लीडिंग और पीरियड्स के दर्द से महिलाओं को मिलेगी राहत

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: अशोक की छाल एक कारगर आयुर्वेदिक औषधि है जिससे गर्भाशय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पीरियड्स के दौरान होने वाली हैवी ब्लीडिंग को कंट्रोल किया जा सकता है। महिलाओं के लिए अशोक की छाल बहुत फायदेमंद मानी जाती है। आशा आयुर्वेदा की डाइरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंचल शर्मा ने बताया, खासतौर से जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ज्यादा परेशानी होती है उन्हें अशोक की छाल का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

अशोक की छाल के फायदे
पीरियड्स में फायदेमंद- हार्मोनल असंतुलन के कारण कई बार महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं लेकिन अशोक की छाल एक ऐसी असरदार जड़ी बूटी है, जिसके नियमित सेवन से आपका मासिक चक्र रेगुलर हो सकता है।

पीरियड क्रैम्प्स में राहत- अशोक की छाल में anti-inflammatory गुण मौजूद होते हैं जो पीरियड्स में होने वाले दर्द, ऐंठन और पेट की सूजन को ठीक करते हैं।

व्हाइट डिस्चार्ज में सुधार- अशोक की छाल महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद औषधि है, इससे उनका प्रजनन तंत्र संतुलित होता है और अच्छे से कार्य करता है। इसके नियमित सेवन से सफेद पानी की समस्या भी ठीक हो जाती है।

गर्भाशय को टोन करने में मदद- अशोक की छाल से यूटेरस की लाइनिंग मजबूत होती है और गर्भाशय मजबूत होता है।

अशोक की छाल इस्तेमाल करने के तरीके
अशोक की छाल का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, यह आपको किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेनी चाहिए क्यूंकि वही आपके शरीर की सही स्थिति देखकर बताएंगे कि आपके लिए क्या उचित है।

अशोक का क्वाथ- 1–2 चम्मच अशोक की सूखी छाल को 2 कप पानी में मिलाकर इतना उबालें कि वह आधा हो जाए फिर दिन में एक बार इसका सेवन करें।

अशोक घाट – आयुर्वेद में अशोकारिष्ट को बेहद महत्वपूर्ण औषधि कहा गया है। आप इसका 10–20 ml लें और उसे उतने ही पानी में मिलाकर खाने के बाद ले सकते हैं।

अशोक चूर्ण – अशोक के छाल का चूर्ण बना लें फिर इसका 1-3 ग्राम लेकर गुनगुने पानी या शहद में मिलाएं। इस मिश्रण का दिन में दो बार सेवन करें।

किसे सावधान रहना चाहिए?
अशोक की छाल वैसे तो बहुत ही फायदेमंद है लेकिन इसे कितनी मात्रा में लेना चाहिए यह आपको किसी एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही उपयोग करनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं, या जिन्हें किसी प्रकार की ऐलर्जी है, उन्हें इसका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

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