मेसी का कोलकाता में जोरदार स्वागत, झलक न दिखने से गुस्साए दर्शक
कोलकाता{ गहरी खोज }: अर्जेंटीना के फुटबॉल आइकन लियोनेल मेसी को 14 साल बाद फुटबॉल के दीवानों के शहर कोलकाता में लौटने पर भव्य स्वागत किया गया।
शहर में हजारों प्रशंसक, अपने पसंदीदा वैश्विक सुपरस्टार की एक झलक पाने के लिए, मध्यरात्रि के बाद कड़ाके की ठंड में भी डटे रहे। हालांकि, बाद में साल्ट लेक स्टेडियम (युवा भारती क्रीड़ांगन) में यह उत्साह उस समय अराजकता और निराशा में बदल गया, जब उनके प्रशंसक मेसी की एक झलग ठीक से नहीं पा सके।
मेसी का विमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कल देर रात उतरा। उनके आगमन पर वहां मौजूद लोगों में जोश भर गया। उनके समर्थक बार्सिलोना की नंबर 10 जर्सी पहने उनका नाम लेकर चिल्ला रहे थे और अर्जेंटीना के झंडे लहरा रहे थे। भारी सुरक्षा तैनाती के बावजूद, भीड़ हवाई अड्डे के परिधि और हयात रीजेंसी होटल के पास जमा हो गई। मेसी को इस होटल में ठहराया गया था।
“भारतीय फुटबॉल का मक्का” कहे जाने वाले कोलकाता शहर ने मेसी की दूसरी यात्रा को यादगार बनाने के लिए पूरे मन से तैयारी की थी। इनमें ईएम बाईपास पर लेक टाउन क्रॉसिंग पर फैन ज़ोन और एक विशाल 70 फुट की प्रतिमा शामिल थी। सूत्रों ने बताया कि साल्ट लेक स्टेडियम के पास होटल जाते समय, मेसी को शहर के प्रवेश द्वार वीआईपी रोड पर बिग बेन क्लॉक टॉवर के पास फीफा विश्व कप पकड़े हुए उनकी एक सफेद प्रतिमा दिखाई गई।
प्रशंसकों की भीड़ में नादिया जिले के कल्याणी से एक किशोर लड़का भी व्हीलचेयर पर यात्रा करके आया था। मेसी के कट्टर समर्थक उनको फुटबाल का “भगवान” मानते हैं। मोहन बागान क्लब के सदस्य सुरजेंदु गांगुली ने कहा, “मेसी का कोलकाता आना एक बड़ी बात है। यह वैसा ही है जैसे 1977 में पेले हमारे क्लब के खिलाफ एक दोस्ताना मैच खेलने के लिए इस शहर में आए थे। तब भी शहर के लोगों में इसी तरह का जोशखरोश देखा गया था।”
इंटर मियामी के लिए खेलने वाले 38 वर्षीय मेसी का शहर में संक्षिप्त कार्यक्रम था, जिसके बाद उन्हें एक प्रदर्शनी कार्यक्रम के लिए शाम को हैदराबाद रवाना होना था।
यह विवेकानंद युवा भारती स्टेडियम मेसी के लिए विशेष महत्व रखता है। यहीं पर दो सितंबर 2011 को उन्होंने पहली बार अर्जेंटीना की कप्तानी करते हुए वेनेजुएला के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैच में अपनी टीम को 1-0 से जीत दिलाई थी।
मेसी का यहां स्टेडियम में स्वागत तब कड़वी याद में बदल गया जब मेसी मुश्किल से 22 मिनट तक मैदान में रहे। जबकि आयोजकों का वादा था कि वह एक घंटे से कहीं अधिक समय तक वहां रुकेंगे। मेसी सुबह करीब 11:30 बजे एक सफेद ऑडी में स्टेडियम पहुंचे और 11:52 बजे चले गए। इस दौरान वह सुरक्षा और अधिकारियों, जिसमें राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास भी शामिल थे, से घिरे रहे। प्रशंसकों ने टिकटों के लिए 4,000 रुपये से 18,000 रुपये तक का भुगतान किया था और पूरा पश्चिम बंगाल तथा बाहर से भी लोग अपने पसंदीदा खिलाड़ी को देखने यहां आये थे लेकिन अफसोस कि ये लोग इस फुटबॉल दिग्गज की ठीक से एक झलक भी नहीं पा सके।
इससे उनके प्रशंसक नाराजगी से भर गए। भड़के हुए समर्थकों ने कुर्सियाँ तोड़ दीं, फाइबरग्लास की सीटें उखाड़ दीं और प्लास्टिक की पानी की बोतलें और अन्य वस्तुएँ एथलेटिक ट्रैक पर फेंकनी शुरू कर दीं। स्थिति अराजकता में बदलने पर आयोजकों और सुरक्षाकर्मियों पर अपशब्दों की बौछार की गई।
मेसी का स्टेडियम में सम्मान किया जाना था और उन्हें प्रशंसकों के साथ बातचीत करनी थी, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली के भी शामिल होने की उम्मीद थी। मेसी को 70 फुट की प्रतिमा का अनावरण भी करना था, इस कदम ने कुछ प्रशंसकों को निराश किया जो उनकी मौजूदगी की उम्मीद कर रहे थे।
