ओवरइटिंग बन रहा बीमारियों का कारण, बीपी, हार्ट, किडनी, लिवर की समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाएं ये तरीका

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: किसी फिलॉसफर ने बड़ी गहरी बात कही थी इस कायनात में हर सजीव प्राणी, अपने पेट के लिए ही मेहनत करता है, चिड़िया दाना चुगती है, जानवर शिकार करता है और इंसान ‘भोजन के लिए’ दिन-रात काम करता है। और सच कहें तो अच्छा, स्वादिष्ट और पेट भर खाना हर किसी की चाहत होती है लेकिन यहीं से शुरू होती है एक गड़बड़ी। जब ‘भूख से ज्यादा’ खाने की आदत बन जाती है और इसका नतीजा सिर्फ सेहत नहीं पूरी दुनिया भुगतती है।

ये जानने के लिए ‘यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम’ की रिपोर्ट को देखना जरुरी है जिसके मुताबिक दुनिया में ‘सबसे ज्यादा खाना बर्बाद करने वाला देश है चीन’ तो ‘भारत दूसरे नंबर’ पर है। आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि हर साल दुनिया में 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा कीमत का खाना कूड़े में जाता है। जबकि उसी दुनिया में 78 करोड़ से ज्यादा लोग आज भी भूख से जूझ रहे हैं। इसके साथ एक और कड़वी सच्चाई सुनिए पूरी दुनिया में लोग ज्यादा खाने से मरते हैं, कम खाने से नहीं। आज की बीमारियों की लिस्ट देखिए मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक, हाई बीपी, कैंसर इनमें से ज्यादातर की जड़ ‘ओवरईटिंग’ और ‘नो ब्रेक ईटिंग’ है। जबकि मेडिकल रिसर्च साफ कहती है जब हम खाने से ब्रेक लेते हैं,तो शरीर के अंदर एक नेचुरल प्रोसेस एक्टिव होता है। ऑटोफैगी यानि शरीर खुद अपनी गंदगी साफ करता है, खराब कोशिकाएं हटाता है और बीमारियों का रिस्क कम करता है।

तो सवाल ये नहीं है कि खाना अच्छा है या बुरा। सवाल है ‘कितना और कब और यहीं से आती है एक बहुत सिंपल लेकिन पावरफुल थॉट हर मास, एक उपवास। सोचिए अगर भारत के ‘140 करोड़ लोग’ महीने में सिर्फ ‘एक दिन उपवास’ करें तो एक दिन में ‘7 लाख टन खाना बच सकता है’। इससे आयात कम होगा, कचरा घटेगा, पानी की बचत होगी, और ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन में कमी आएगी यानि देश का फायदा ही फायदा है और सेहत के लिहाज से महीने में एक दिन फास्टिंग से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और लिवर-किडनी-हार्ट प्रॉब्लम और डायबिटीज का खतरा कम होता है। इसका मतलब थोड़ा कम खाना किसी को कमजोर नहीं बनाता उल्टे इंसान, समाज और देश-तीनों को मजबूत बनाता है।

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