दिल्ली की मुख्यमंत्री ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित परिवारों के 36 सदस्यों को शुक्रवार को नियुक्ति पत्र सौंपे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हालांकि कोई भी सरकारी सहायता पीड़ितों के आघात को मिटा नहीं सकती, फिर भी उनका प्रशासन उन्हें सम्मान और न्याय के साथ सहायता प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद थे।
गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए 1984 में हिंसा से जुड़ी अपने बचपन की यादों को साझा किया। गुप्ता ने कहा, ‘‘जब 1984 में दंगे हुए थे, तब मैं लगभग 10 साल की थी। हर कोई डरा हुआ था। लोग अपनी पहचान छिपा रहे थे। हम सबने वो भयानक दृश्य देखे हैं।’’ गुप्ता ने कहा कि उन दृश्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी सहायता उन दिनों के दर्द को पूरी तरह से कम नहीं कर सकती, लेकिन सरकार को पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने दंगों से संबंधित कानूनी कार्यवाही में हुई प्रगति का श्रेय केंद्र सरकार को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एसआईटी गठित किए जाने के बाद ही मामले दोबारा खुले और दोषियों को जेल भेजा जाने लगा। ’’
गुप्ता ने कहा कि वह खुद को पीड़ितों को उनका हक दिलाने में मदद करने वाला एक माध्यम मात्र मानती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हम सिर्फ दिल्ली के उन परिवारों के दर्द को कम करना चाहते हैं, जो लंबे समय से इस दर्द को झेल रहे हैं। हम इन परिवारों के लिए पूरी ईमानदारी से काम करना चाहते हैं।’’
सिरसा ने काफी समय से लंबित पुनर्वास उपायों को प्राथमिकता देने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि पीड़ित परिवारों ने 1984 के दंगों का दर्द दशकों तक सहा है, और यह कदम कुछ हद तक उनके घावों पर मरहम लगाने का काम करेगा।

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