भारत, न्यूजीलैंड ने एफटीए वार्ता तेज करने के तरीकों पर चर्चा की

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत और न्यूजीलैंड ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द आगे बढ़ाने के तरीकों पर शुक्रवार को बातचीत की।

न्यूजीलैंड के वाणिज्य मंत्री टॉड मैकक्ले इस समय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ एफटीए वार्ता में प्रगति की समीक्षा के लिए भारत दौरे पर हैं।

गोयल ने बैठक के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-न्यूजीलैंड एफटीए के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की और पारस्परिक हितों को ध्यान में रखते हुए वार्ता को आगे बढ़ाने के उपायों पर विचार किया।

दोनों देशों के बीच एफटीए पर आधिकारिक बातचीत 16 मार्च, 2025 को शुरू हुई थी और अब तक इसके चार चरण पूरे हो चुके हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत-न्यूजीलैंड द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 1.3 अरब डॉलर रहा, जो इसके एक साल पहले की तुलना में करीब 49 प्रतिशत अधिक है। न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क केवल 2.3 प्रतिशत है।

प्रस्तावित एफटीए से व्यापार प्रवाह बढ़ने, निवेश संबंध मजबूत होने, आपूर्ति-शृंखला को लचीला बनाने और उद्योगों के लिए स्थिर ढांचा तैयार होने की उम्मीद है।

भारत और न्यूजीलैंड ने इससे पहले वर्ष 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर चर्चा शुरू की थी। हालांकि नौ दौर की बातचीत के बाद 2015 में वार्ता स्थगित हो गई थी।

भारत से न्यूजीलैंड को निर्यात होने वाले उत्पादों में परिधान और घरेलू वस्त्र, दवाएं, रिफाइंड पेट्रोल, कृषि उपकरण, वाहन, लौह-इस्पात, कागज उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, झींगे, हीरे एवं बासमती चावल शामिल हैं।

वहीं, न्यूजीलैंड से भारत कृषि उत्पाद, खनिज, सेब एवं कीवी फल, भेड़-बकरी का मांस, दुग्ध उत्पाद, कोकिंग कोल, लकड़ी, ऊन एवं कबाड़ धातु का मुख्य रूप से आयात करता है।

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