ओडिशा में 4,000 किलोग्राम विस्फोटक लूट के मामले में एनआईए ने 11 माओवादियों के खिलाफ दायर किया आरोपपत्र

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: राष्ट्र जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को ओडिशा के राउरकेला जिले में एक पत्थर की खदान के लिए ले जाए जा रहे लगभग 4,000 किलोग्राम विस्फोटक की लूट के मामले में 11 उग्रवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। जिन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है, उनमें जरजा मुंडा उर्फ कुलु मुंडा, अनमोल उर्फ सुशांत उर्फ लालच हेंब्रम, रमेश उर्फ प्रीतम मांझी उर्फ अनल दा, पिंटू लोहरा उर्फ टाइगर, लालजीत उर्फ लालू, शिवा बोदरा उर्फ शिबू, अमित मुंडा उर्फ सुखलाल मुंडा, रवि उर्फ बीरेन सिंह, राजेश उर्फ मानसिद, सोहन उर्फ रंगा पुनेम और आप्टन उर्फ चंद्र मोहन हंसदा शामिल हैं। एनआईए अधिकारी ने बताया, “सभी 11 लोगों पर यूए(पी) कानून, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) , हथियार कानून और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
जांच के दौरान एनआईए ने पाया कि ये आरोपी लगभग 200 विस्फोटक पैकेट ( जिनमें से प्रत्येक में 20 किलोग्राम विस्फोटक था) की लूट की आपराधिक साजिश, योजना और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ये विस्फोटक झारखंड के सारंडा जंगल में माओवादियों के गढ़ों में ले जाया जा रहा था। इसी दौरान स्थानीय पुलिस के 27 मई को वाहन को रोका था। वाहन को उसके ड्राइवर के साथ 10-15 हथियारबंद माओवादियों ने जबरन अगवा कर लिया और पास के जंगल में आतंकवादी संगठन के एक गढ़ में लेकर चले गये। एनआईए ने जून में स्थानीय पुलिस से यह मामला अपने हाथ में लिया था। एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सरकारी मशीनरी ( जिसमें पुलिस और सुरक्षा बल शामिल हैं) के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लूटा गया था। यह लूट देश की सुरक्षा और स्थिरता को बाधित करने के लिए माओवादियों की साजिश का हिस्सा थी।

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