श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश प्रीति पद्मन सुरसेना ने उच्चतम न्यायालय का दौरा किया
नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीति पद्मन सुरसेना का औपचारिक स्वागत किया। न्यायमूर्ति सुरसेना इस समय भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं। न्यायमूर्ति सुरसेना ने एक विशेष बैठक के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची के साथ पीठ साझा की। इस अवसर पर न्यायमूर्ति सुरसेना के साथ श्रीलंका की सर्वोच्च अदालत के नौ न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल भी था। अतिथियों का स्वागत करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका को श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश और उनके प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करने का सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत की आपकी यात्रा संवाद आदान-प्रदान के लिहाज से काफी सार्थक और रचनात्मक रही होगी…हमारे दोनों देशों के बीच संस्कृति और भावनाओं के संदर्भ में घनिष्ठ भावनात्मक संबंध हैं।’’
न्यायमूर्ति सुरसेना ने 27 जुलाई को श्रीलंका के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। न्यायमूर्ति सुरसेना ने गर्मजोशी से जवाब देते हुए कहा कि उनके और उनके साथ आए न्यायाधीशों के लिए भारत की यात्रा करना वास्तव में बहुत खुशी की बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी है, दोनों देशों के लोगों के बीच के संबंध… यह संबंध न केवल लोगों के बीच बल्कि शासकों, राजाओं के बीच भी अटूट रहा है।’’
न्यायमूर्ति सुरसेना ने इस बात पर बल दिया कि दोनों देशों के बीच संबंध 2,500 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक बंगाल से श्रीलंका के लिए रवाना हुए थे और रामायण जैसे प्राचीन भारतीय महाकाव्यों में भी श्रीलंका का उल्लेख मिलता है। उन्होंने बताया कि श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल ने 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के संविधान दिवस समारोह में भाग लिया था। श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमें यहां आकर बहुत गर्व और खुशी हो रही है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।’’
