कम्पनी की गलती की सजा मुझे मिल रही, डॉ. प्रवीन सोनी का हाईकोर्ट में दावा

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जबलपुर{ गहरी खोज }: छिंदवाड़ा में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 25 बच्चों की हुई मौत के मामले में डॉ. प्रवीण सोनी ने हाईकोर्ट में दावा किया है कि बच्चों की मौत उस सॉल्वेन्ट से हुई, जो सन फार्मा कंपनी द्वारा बैच नंबर एसआर 13 में मिलाया गया था। यदि औषधि विभाग उस बैच की जांच करता, तो बच्चों की मौत नहीं हो पाती।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान डॉ. सोनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर व अधिवक्ता समरेश कटारे और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सीएम तिवारी हाजिर हुए। डॉ. सोनी की ओर से कहा गया कि वे पिछले 20 वर्षों से यह दवा लिख रहे हैं, लेकिन कभी भी उसके रिएक्शन सामने नहीं आए। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा की गई गलती की सजा वो भुगत रहे हैं, जो अनुचित है।
इन दावों के समर्थन में दस्तावेज पेश करने डॉ. सोनी की ओर से एक दिन का समय मांगा गया। जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की अदालत ने डॉ. सोनी की जमानत अर्जी पर गुरुवार को फिर से सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। 8 अक्टूबर 2025 को परासिया के एडीजे गौतम कुमार गुजरे की कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद यह अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की गई है।

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