कांग्रेस पहले जैसी थी आज भी वैसी है, यही बताना था

0
20251107124202_modi

सुनील दास
संपादकीय { गहरी खोज }:
राजनीति में सफल वही होता है जो अपने विरोधी को गलत कहता ही नहीं है, मौका आने पर तथ्यों के आधार पर गलत साबित भी करता है। पीएम मोदी अपने विरोधी कांग्रेस को गलत साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं, उसकी गलतियों को बताने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।वह अपने विरोधी को गलत और अपने को बेहतर, अपनी पार्टी को बेहतर अतीत के आधार पर, इतिहास के आधार पर ही नहीं बताते हैं, इसके लिए वह वर्तमान का भी उपयोग करते हैं। देश की जनता के सामने पीएम मोदी कांग्रेस और भाजपा को तुलनात्मक रूप से रखते हैं और यह बताते हैं कि कांग्रेस ने कैसी कैसी गलती की है और भाजपा ने कैसे कैसे काम किए हैं। वह बताते हैं कि हिंदुओं के लिए, देश के लिए कांग्रेस जितनी खराब पं. नेहरू के समय थी,उतनी ही खराब राहुल गांधी के समय है।कांग्रेस पं. नेहरू के समय मुसलमानों का तुष्टिकरण जितना करती थी आज भी कांग्रेस मुसलमानों का तुष्टिकरण उससे ज्यादा करती है।
पीएम मोदी को मौके तलाशने नहीं पड़ते हैं, उनको मौका मिलता है और वह मौके का पूरा फायदा उठाकर कांग्रेस को आईना दिखाते है। इस बार पीएम मोदी को मौका मिला राष्ट्रगीत वंदे मातरम के १५० वर्ष पूरे होने पर।सरकार में होने के नाते और संसद सत्र होने के दौरान सरकार ने वंदे मातरम के १५० वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा का दिन तय किया। कांग्रेस सहित सारे विपक्षी दल इसका बहिष्कार कर सकते थे, ऐसे में उनकी और आलोचना होती कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल वंदे मातरम का सम्मान पहले भी नहीं करते थे और आज भी नहीं करते हैं, इस वजह से कांग्रेस व विपक्ष को मन मार के इस आयोजन में शामिल होना पड़ा। संसद में बहस की शुरूआत करते हुए पीएम मोदी ने ऐसी ऐसी बातें कहीं कि देश को लगा कि पीएम मोदी तथ्यों के आधार उस सच को देश के सामने रख रहे हैं जिसे अब तक छिपाया गया था। देश के लोगों को पता ही नहीं था कि हमारा जो राष्ट्रीय गीत है, वह खंडित है। देश के लोग तो यही समझते थे कि जो राष्ट्रगीत गाया जाता है, वही पूरा गीत है।
पीएम मोदी ने संसद में देश को बताया कि राष्ट्रगीत पूरा नहीं है, वह अधूरा है और अधूरा क्यों है। उन्होंने देश को बताया कि कांग्रेस ने पहले मुसलमानों की तुष्टिकरण के लिए राष्ट्रगीत का वंटवारा किया और उसके बाद मुसलमानों की तुष्टिकरण के लिए ही देश का बंटवारा किया और कैसे किया गया।पीएम मोदी ने संसद में कहा कि उन परिस्थितियों को भी हमारी नई पीढ़ी को बताना हमारा दायित्व है जिसकी वजह से वंदे मातरम के साथ विश्वासघात किया गया।उन्होंने बताया कि वंदे मातरम के प्रति मुस्लिम लीग की विरोध का राजनीति तेज होती जा रही थी,जिन्ना ने लखनऊ से १५ अक्टूबर १९३७ को वंदे मातरम के विरुध्द नारा बुलंद किया।तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष पं.नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा।उन्होंने मुस्लिम लीग का विरोध करने, जबाव देने की जगह २० अक्टूबर को नेताजी सुभाषचंद्रबोस को पत्र लिखा कि वंदे मातरम की आनंदमठ वाली पृष्ठभूमि मुसलमानों को इरीटेट कर सकती है।इसके बाद तुष्टिकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस ने वंद मातरम के टुकड़े टुकड़े कर दिए।कांग्रेस वंदे मातरम के टुकड़े करने के लिए झुकी तो इसी वजह से कांग्रेस को एक दिन देश के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कांग्रेस ही नहीं उन दलों को नहीं छोड़ा जिनके नाम में कांग्रेस जुड़ा हुआ है और उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति आज भी वैसी है जैसी आजादी के पहले थी।आज भी जिन जिन राजनीतिक दलों के नाम कांग्रेस जुड़ा हुआ है कि वह सब वंदे मातरम पर विवाद खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं।उन्होंने राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर कहा कि संसद में गंभीर चर्चा चल रही है और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सदन में मौजूद नहीं है। पहले पं. नेहरू ने वंदे मातरम का अपमान किया और आज राहुल गांधी ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम का अपमान किया है।प्रियंका गांधी अपने जवाब में कहा कि वंद मातरम अधूरा है तो उसके लिए पं. नेहरू जिम्मेदार नहीं है।यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा इसिलए कराई जा रही है क्योंकि बंगाल में चुनाव है और लोगों को ध्यान असल मुद्दों से भटकाना है।पीएम मोदी हर चुनाव मे प्रतीकों की राजनीति करते है और उसका फायदा भी उनको मिलता है। इसके लिए वह पूरी योजना महीनों पहले बनाते है। बंगाल चुनाव में अभी समय है और मोदी जैसा चाहते थे, लोगों ने वंदे मातरम को लेकर वैसा बयान दिया है। इसका फायदा पीएम मोदी बंगाल चुनाव में बड़ी होशियारी से उठा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *