महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 82 लाख के 11 इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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मुंबई{ गहरी खोज }:महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में बुधवार को 11 नक्सलियों पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला की मौजूदगी में आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें डिवीजनल कमेटी के सदस्य, प्लाटून कमेटी के सदस्य, एरिया कमेटी के सदस्य जैसे उच्च पदस्थ नक्सली शामिल थे और इन सभी पर 82 लाख रुपये का इनाम था। इनमें से चार माओवादी हथियारों के साथ और पूरी वर्दी में मौजूद थे। कार्यक्रम में कड़ी सुरक्षा रखी गई थी।
पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बताया कि नागपुर में नक्सलवादियों के आत्मसमर्पण के लिए गढ़चिरौली में पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला की अध्यक्षता में एकलव्य हाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें रमेश उर्फ भीमा उर्फ बाजू लेकामी (डीवीसीएम ), भीमा उर्फ सीटू उर्फ किरण हिडमा कोवासी (डीवीसीएम ), पोरीये उर्फ लकी अदामा गोटा (पीपीसीएम), रतन उर्फ सन्ना मासु ओयाम (पीपीसीएम), कमला उर्फ रागो इरिया वेलाडी (पीपीसीएम), पोरीये उर्फ कुमारी भीमा वेलाडी (एसीएम), रामजी उर्फ मुरा लच्छू पुंगाटी (एसीएम),सोनू पोडियाम उर्फ अजय, प्रकाश उर्फ पांडू पुंगाटी, सीता उर्फ जैनी टोंडे पालो और साईनाथ शंकर माडे (एओबी दलम) 11 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
इससे पहले ‎15 अक्टूबर, 2025 को माओवादी आंदोलन के सबसे सीनियर नेताओं में से एक भूपति उर्फ सोनू मल्लोजुला वेणुगोपाल राव ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 61 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया था। जिले में चर्चा है कि इस आत्मसमर्पण से दंडक वन में माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।
पुलिस महानिदेशक शुक्ला ने नक्सलवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने लिए सी-60 स्क्वाड के काम की तारीफ की। उन्होंने बेहतरीन काम करने वाले अफसरों और जवानों को तारीफ के सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि दंडक वन का हिंसा का रास्ता छोडक़र मुख्यधारा में आना पुराने माओवादियों के लिए एक नई शुरुआत है। बचे हुए नक्सलियों को भी हथियार डालकर शांति का रास्ता अपनाना चाहिए।
पुलिस महानिदेशक ने गढ़चिरौली पुलिस द्वारा दूर-दराज के इलाकों के नागरिकों के लिए तैयार की गई गाइडबुक ‘प्रोजेक्ट उड़ान-विजऩ ऑफ़ डेवलपमेंट’ का भी अनावरण किया। यह प्रोजेक्ट आम नागरिकों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी ज़्यादा असरदार तरीके से पहुंचाने में मदद करेगा।
इस कार्यक्रम में एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ. शेरिंग दोरजे, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अंकित गोयल, सीआरपीएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अजय कुमार शर्मा, एडिशनल सुपरिटेंडेंट एम. रमेश, साईकार्तिक, अनिकेत हिरदे के साथ-साथ ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले बड़ी संख्या में ऑफिसर और जवान मौजूद थे।

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