मोदी-पुतिन ने देश के बाहर व भीतर दे दिया संदेश
सुनील दास
संपादकीय { गहरी खोज }: विश्व राजनीति हो या देश की राजनीति हो पीएम मोदी व रूस के राष्ट्रपति जब भी मिलते हैं वह विश्व के देशों को तो स्पष्ट संदेश देते है कि रूस व भारत के संबंध बरसों से आजमाए हुए संबंध है, यह आज मजबूत हैं तो भविष्य में और मजबूत होंगे. वक्त की कसौटी पर यह संबंध हमेशा खरे उतरे हैं और आगे भी खरे उतरेंगे।चाहे उनका मिलना में चीन हो या भारत में हो, दो दोस्तों के बीच जो गर्मजोशी होती है,वह कम नहीं होती है, वह सभी को दिखाई देती है।दोनों एक दूसरे के लिए प्रोटोकाल की परवाह नहीं करते, कोई क्या सोचेगा नहीं सोचते हैं.चीन में भी दोनों एक कार में गए थे और भारत में भी एक कार में सफर कर दोनों ने संदेश दिया है कि उनके संबंध दोनों देशों के हित में है और दोनों नेता एक दूसरे के लिए लकीर से पार जाकर भी एक दूसरे की मदद कर सकते हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आज तक किसी देश के लिए नहीं कहा है रूस उसका अनलिमिटेड सहयोग करेगा, उन्होंने पहली बार भारत के लिए कहा है कि रूस भारत का अनलिमिटेड सहयोग हर क्षेत्र में करेगा।पुतिन ने अमरीका के राष्ट्रपति को यह संदेश दिया है कि आने वाले समय में नया वर्ल्ड आर्डर चीन,भारत व रूस का होगा।ट्रंप नहीं चाहते हैं कि उसके खिलाफ यह तीनो देश एकजुट हों इसके लिए उनको न चाहकर चीन की यात्रा करनी पड़ी थी और कहना पड़ा था हम जी-२ है। वह जानते हैं कि यह तीनों देश एकजुट हो गए हैं कि दुनिया में उनकी चौधराहट नहीं चलेगी। द.अफ्रीका में हुए जी-२० में अमरीका को यह संदेश भारत की मौजूदगी में दिया गया था, अमरीका नहीं आएगा तो भी दुनिया के लिए कई देश मिलकर बड़ा फैसला ले सकते हैं। अमरीका चीन,भारत व रूस को एकजुट नहीं होने देना चाहता है और रूस एकजुट करना चाहता है। इसमें ट्रंप अपने अहंकार के कारण असफल हैं तो पुतिन अपने सहयोग की नीति के चलते सफल हैं।यही वजह है कि पुतिन ने भारत आने वाले एक इंटरव्यू में कहा था कि आने वाला समय भारत रूस को होगा।
पुतिन ने पीएम की प्रशंसा करते हुए कहा है कि यह भारत की खुशकिस्मती है कि उसके पास मोदी जैसा नेता हैं जो किसी के दबाव में नहीं आता है जिसके सांसों के कण कण में भारत है।जो विश्वनीय नेता हैं। यह दुनिया के लिए संदेश तो था ही साथ ही कांग्रेस व राहुल गांधी के लिए भी संदेश था कि आप लोग जिसकी झूठी आलोचना करते हो, वह आपकी आलोचना से परे हैं, इससे मोदी का कुछ भी नहीं बिगड़ता है। यह सच भी है कि मोदी की आलोचना से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ है उल्टे नुकसान हुआ है। पुतिन ने मोदी की तारीफ करके देश व दुनिया को बता दिया है कि पीएम मोदी जैसे नेता बहुत कम होते हैं, उनकी कदर की जानी चाहिए।वह भारत की अनमोल संपत्ति हैं। इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए।
मोदी विश्व में आतंकवाद के प्रखर विरोधी है, इस मामले में पुतिन ने साफ कहा है कि वह आतंकवाद के मामले में भारत के साथ हैं।इसका संदेश पाकिस्तान के लिए है कि वह आतंकवाद के मामले में उससे कोई अपेक्षा न रखे,यूक्रेन के मामले में पीएम मोदी ने पुतिन से साफ कहा कि वह न्यूट्रल नहीं है, वह शांति के पक्ष में हैं, यह पीएम मोदी ने कोई पहली बार नहीं कहा है, इससे पहले भी वह पुतिन से कह चुके हैं कि यह समय युध्द का नहीं है, पुतिन भारत की इस बात को मानते हैं और भारत की सराहना करते हैं और कहते हैं कि भारत इसमें सहयोग कर सकता है।यूरोप के देश भी चाहते हैं कि भारत रूस को शांति के लिए राजी करे।
पीएम मोदी ने विश्व को यह कहकर कि भारत व रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह है। यानी अटल है, किसी भी वजह से वह बदलने वाली नहीं है, यह कहकर भारत ने अमरीका जैसे देशों को संदेश दिया है कि वह यह उम्मीद न करेंकि भारत रूस को अकेला छोड़ सकता है। दोनों के बीच दाेस्ती और आगे भी बनी रहेगी।पुतिन की भारत यात्रा से भारत व रूस के बीच दोस्ती व सहयोग नया युग शुरू हुआ है।दोनों देशों ने २०३० तक नए रोड मैप सहमति जताई है।इस तहत ट्रेड को ९ लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई नए क्षेत्रों में समझौते हुए हैं, इससे आनेवाले समय में दोनों देशों को फायदा होगा।दोनों देशों के लोग बिना बीजा के एक महीने के लिए एक दूसरे के देश जा सकेंगे इससे दोनों देशों के लोग एक दूसरे के देश घूमने जा सकेंगे, दोनों देशों के लोग एक दूसरे के देश काम करने जा सकेंगे। दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य,चिकित्सा,विज्ञान,बंदरगाह,जंलमा्र्ग,केमिकल्स,खाद,वाहनों के आवागमन,कर,सीमाशुल्क,रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में समझौते हुए है।इससे आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे तथा इससे दोनों देशों को फायदा भी होगा।
