पूर्वांचल विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान से करेगा लैसः कुलपति

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  • विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी आधारित नये वोकेशनल कोर्स पर हुई कार्यशाला

जौनपुर{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी आधारित नये वोकेशनल कोर्स पर एक दिवसीय कार्यशाला का बुधवार को आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा के आधुनिक आयामों, डिजिटल जोखिमों और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम का आयोजन सीथ्रीआई हब, आईआईटी कानपुर तथा छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता सीथ्रीआई हब, आईआईटी कानपुर के डॉ. आनंद हांडा ने साइबर सिक्योरिटी के बढ़ते महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित वोकेशनल कोर्स में कुल आठ व्यापक मॉड्यूल शामिल किए गए हैं, जिनमें साइबर थ्रेट एनालिसिस, नेटवर्क सिक्योरिटी, डिजिटल फोरेंसिक, डेटा प्रोटेक्शन, ऑनलाइन फ्रॉड प्रिवेंशन, पासवर्ड मैनेजमेंट, फिशिंग अटैक अवेयरनेस जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोर्स एक सेमेस्टर की अवधि में पूरा होगा तथा अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण करने पर विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जो रोजगार एवं करियर विकास में सहायक होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि साइबर सिक्योरिटी वोकेशनल कोर्स को स्नातक द्वितीय सेमेस्टर से नियमित रूप से लागू करने का प्रस्ताव है। उन्होंने इस पहल को ‘डिजिटल भारत’ के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
कानपुर विश्वविद्यालय के प्रो. आर. के. द्विवेदी ने साइबर अपराधों की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आमजन के दैनिक जीवन में होने वाली व्हाट्सऐप, फोन कॉल, सोशल मीडिया तथा बैंकिंग संबंधित धोखाधड़ी को रोकने में यह पाठ्यक्रम अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने युवाओं को डिजिटल सतर्कता अपनाने की सलाह दी।
अतिथियों का स्वागत अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने किया। उन्होंने कहा कि यह कोर्स विद्यार्थियों के कौशल विकास, रोजगार अवसरों और डिजिटल सुरक्षा जागरूकता को मजबूत करेगा। इस दौरान कुलसचिव केशलाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया कि इस पाठ्यक्रम को शीघ्र ही औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा, ताकि सभी विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकें। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन उपकुलसचिव अजीत सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यशाला में परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, वित्त अधिकारी आत्मधर प्रकाश द्विवेदी, प्रो मनोज मिश्र, प्रो राघवेंद्र कुमार पाण्डेय, डॉ. विक्रांत भटेजा, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो देवराज सिंह, प्रो गिरिधर मिश्र, डा प्रमोद कुमार सहित प्राचार्य , शिक्षक रहे। विद्यार्थियों ने साइबर सुरक्षा से संबंधित प्रश्न पूछे तथा इंटरैक्टिव सत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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