दिल्ली विस्फोट मामले में एनआईए ने अनंतनाग में की छापेमारी
नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली विस्फोट मामले में मंगलवार को जम्मू -कश्मीर में तीन स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। एनआईए, केंद्रीय रिजर्व बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस के संयुक्त दल दो संदिग्धों डॉ. आदिल राथर और जसीर बिलाल वानी को अनंतनाग के एक वन क्षेत्र में लेकर गयी। यह कार्रवाई एनआईए द्वारा अनंतनाग जिले के एक वन क्षेत्र में की जा रही छापेमारी का हिस्सा है।
इन दोनों संदिग्धों को दिल्ली विस्फोट मामले और ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ के साथ संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल कई तथ्यों की गहन जांच की जा रही है और जानकारियां जुटाईं जा रही हैं ताकि दोनों आरोपियों के बयानों की पुष्टि की जा सके। गौरतलब है कि पिछले महीने 10 नवंबर को लाल किले के पास हुये विस्फोट मामले की जांच के संबंध में ये छापेमारियां की जा रही हैं।
लाल किला विस्फोट मामले में एनआईए ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। शुरू में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस मामले को बाद में गृह मंत्रालय ने एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था। एनआईए ने पुष्टि की है कि दिल्ली विस्फोट में डॉ. उमर नबी नामक एक आत्मघाती हमलावर द्वारा वाहन जनित तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (वीबीआईईडी) का इस्तेमाल किया गया था। वह एक हुंडई आई20 कार चला रहा था जिसे वीबीआईईडी के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जो लाल किले के बाहर फट गई थी। इस विस्फोट में पंद्रह लोगों की मौत हो गयी थी और तीस से अधिक घायल हो गये थे।
इसके अतिरिक्त दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं और अल फलाह विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी को दो समन जारी किए हैं। दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामला दर्ज किया और छापेमारी करने के बाद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया।
