‘हिमालय की रक्षा उतनी ही जरूरी जितना सीमाओं की सुरक्षा’: मनोहर जोशी

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देहरादून{ गहरी खोज }: पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए 6,000 से अधिक देवदार के पेड़ों की कटाई के विरोध में आयोजित रक्षा सूत्र कार्यक्रम का समर्थन किया और कहा कि हिमालय की सुरक्षा देश की सीमाओं की सुरक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण है। जोशी ने यह बात रविवार को उत्तरकाशी के हर्सिल गांव में आयोजित कार्यक्रम के लिए भेजे गए अपने वीडियो संदेश में कही। उन्होंने कहा कि हिमालय के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय पर्यावरण के प्रति अन्याय होगा। “यदि भागीरथी (नदी) लुप्त हो जाती है, तो हमारी संस्कृति का मापदंड भी लुप्त हो जाएगा,” जोशी ने कहा। उन्होंने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने स्वयं को पहाड़ों में हिमालय और नदियों में भागीरथी या गंगा के रूप में वर्णित किया है, इसलिए हिमालय की रक्षा अनिवार्य है। उन्होंने अतीत की कई आपदाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हिमालय में हमारी मानवीय हस्तक्षेप के कारण लोगों की जिंदगी असुरक्षित हो रही है और ये सभी विनाशकारी आपदाएँ मानव हस्तक्षेप की चेतावनी हैं। जोशी ने कहा कि देवदार के पेड़ों को बचाने के लिए उन्होंने 100 लोगों के हस्ताक्षरित याचिका सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की है और आवश्यकता पड़ने पर भविष्य में दूसरी याचिका भी प्रस्तुत की जाएगी।

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