बुध प्रदोष के दिन इस मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना
धर्म { गहरी खोज } :प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। आपको बता दें कि प्रदोष व्रत सप्ताह के जिस दिन पड़ता है उसका नाम भी उसी दिन के हिसाब से होता है। साल 2025 का आखिरी प्रदोष बुधवार को पड़ रहा है इसलिए इसे बुध प्रदोष कहेंगे। बुधवार को आने वाला प्रदोष व्रत बुद्धि, वाणी और व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए लाभकारी माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि प्रदोष पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त क्या रहेगा।
बुध प्रदोष व्रत 2025 पूजा शुभ मुहूर्त
बुध प्रदोष व्रत 17 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा। प्रदोष की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 दिसंबर को शाम 6 बजकर 4 मिनट से रात 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि का आरंभ 16 दिसंबर 2025 को रात 11 बजकर 57 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि 18 दिसंबर को मध्य रात्रि 2 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगा।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी के इन मंत्रों का करें जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ नमः शिवाय
नमो नीलकण्ठाय
ॐ पार्वतीपतये नमः
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय
प्रदोष व्रत का महत्व
जो भी व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पुराणों के अनुसार, त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसके समस्त समस्याओं का समाधान शीघ्र निकल जाता है। प्रदोष व्रत करने से भक्तों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है। इस व्रत को करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
