ठगी के मामले में तीन आरोपित गिरफ्तार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने अतरराज्यीय पैन-इंडिया ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग देशभर में फैली 165 साइबर शिकायतों से जुड़ा हुआ पाया गया है। जिनमें करीब 6.33 करोड़ की धोखाधड़ी दर्ज है।
गिरफ्तार आरोपित बड़े साइबर सिंडिकेट के लिए हाई-वॉल्यूम म्यूल खाता संचालित कर रहे थे। पकड़े गए आरोपितों की पहचान ओडिशा निवासी प्रवाश चंद्र पांडा, भुवनेश्वर, ओडिशा निवासी प्रीतम रोशन पांडा और सृतम रोशन पांडा (24) के रूप में हुई है।
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने सोमवार को बताया कि शिकायतकर्ता को खुद को बड़ा अधिकारी बताकर ठग ने मार्केट ट्रेड में निवेश के नाम पर फर्जी ऐप और नकली सर्टिफिकेट दिखाकर भरोसे में ले लिया। पीड़ित ने विश्वास में आकर 49,73,000 कई खातों में ट्रांसफर कर दिए। बाद में पता चला कि ये सभी खाते ओडिशा बेस्ड म्यूल खाते थे। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज किया।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मामले की जांच में सामने आया कि एक फर्जी कंपनी के नाम पर फर्जी फर्म का खाता ठगी के पैसों को प्राप्त करने और आगे ट्रांसफर करने का मुख्य माध्यम था। आगे जांच में सामने आया कि पीड़ित की पूरी रकम पांच अलग-अलग खातों में भेजी गई। जिनमें से एक फर्जी कंपनी का खाता था। पैसा मिलते ही उसे तुरंत दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया गया और एटीएम से निकासी की गई। पुलिस ने सभी साक्ष्य को इक्ट्ठा करके एक-एक करके तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पकड़ा गया प्रवाश चंद्र पांडा फर्जी कंपनी के नाम पर म्यूल खाता खोला और संचालन किया। इसके साथ ही बैंक दस्तावेज, सिम कार्ड, डिजिटल माध्यमों की व्यवस्था की। जबकि प्रीतम रोशन पांडा म्यूल खाते का संयुक्त संचालन करता था और पासबुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड संभालता था। वहीं सृतम रोशन पांडा धोखाधड़ी के पैसों के लेनदेन और निकासी में शामिल था। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से 17 मोबाइल फोन, 21 सिम कार्ड, 124 एमटीएम/डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 25 चेक बुक, 07 क्यूआर कोड लेबल, 03 रजिस्टर, 02 पासपोर्ट और एक कैश काउंटिंग मशीन शामिल है।

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