अमित शाह ने किया बायो सीएनजी और फर्टिलाइज़र प्लांट का उद्घाटन

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बनासकांठा{ गहरी खोज }: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को गुजरात के वाव-थराद जिले में बनास डेयरी के नवनिर्मित बायो सीएनजी प्लांट और फर्टिलाइज़र प्लांट का उद्घाटन किया तथा 150 टन क्षमता वाले मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने डेयरी क्षेत्र में बनासकांठा की ऐतिहासिक प्रगति, किसानों की बढ़ती आय और महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1960 में सिर्फ 8 गांवों से शुरू हुए सहकारी आंदोलन ने आज 24 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध डेयरी का रूप ले लिया है। उन्होंने गलबाभाई नानजीभाई (गलवा काका) के योगदान को याद करते हुए कहा कि किसानों एवं महिलाओं के सामूहिक प्रयास ने ऐसा चमत्कार किया है, जिसे बड़े कॉर्पोरेट्स भी हासिल नहीं कर पाते। शाह ने आगे कहा, “बनासकांठा की बहनों ने 24 हजार करोड़ की कंपनी खड़ी कर दिखाई- यह महिला सशक्तिकरण का दुनिया में सबसे बड़ा उदाहरण है।”
अमित शाह ने बताया कि नर्मदा-माही के अतिरिक्त जल को सुजलाम–सुफलाम योजना के तहत बनासकांठा तक लाने से कृषि में क्रांतिकारी बदलाव आया है। जहां किसान पहले साल में एक ही फसल लेते थे, आज वे 3 से 4 फसलें उगा रहे हैं—मूंगफली, आलू, बाजरा और खरीफ उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव पर दो विश्वविद्यालय विस्तृत रिसर्च करेंगे, ताकि इसे ग्रामीण विकास का राष्ट्रीय मॉडल बनाया जा सके। अमित शाह ने कहा कि अब डेयरियों को पूरी तरह सर्कुलर इकोनॉमी बनाना होगा—गाय-भैंस के गोबर से बायो सीएनजी,गोमूत्र व अपशिष्ट से जैविक खाद,साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स के हाई-वैल्यू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
शाह ने बताया कि बनास डेयरी का बायो सीएनजी प्लांट देशभर की को-ऑपरेटिव डेयरियों के लिए आदर्श मॉडल बनेगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ सर्कुलर इकोनॉमी से किसानों की आय अगले 5 वर्षों में कम से कम 20% बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि बिना किसी आंदोलन के, बिना नारे के, हर सप्ताह बहनों के बैंक खाते में दूध का पूरा पैसा जमा होता है—यह भारत का सबसे पारदर्शी सहकारी मॉडल है।
इस कार्यक्रम में अमित शाह ने डॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष पर चल रही पदयात्राओं के समापन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सहकारिता का मूल विचार सरदार पटेल से ही प्रेरित है। अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन, एनडीडीबी योजना और पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम मिलकर श्वेत क्रांति 2.0 को सफल बनाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि बनास डेयरी से शुरू हुई यह परंपरा पूरे देश के करोड़ों पशुपालकों को समृद्ध बनाएगी।

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