सूरत में जल क्रांति : ताप्ती पर बनने वाला बैराज भारत का सबसे बड़ा भूगर्भ जल प्रोजेक्ट

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सूरत बैराज प्रोजेक्ट की शुरुआत : 25 गांवों को सिंचाई, शहर को 2050 तक पानी की गारंटी
सूरत{ गहरी खोज }: सूरत में देश का सबसे बड़ा शहर-स्तर का भूगर्भ जल बैराज प्रोजेक्ट बनने जा रहा है। सूरत महानगर पालिका की स्थायी समिति ने ताप्ती नदी पर बनने वाले बैराज के पहले चरण के लिए कोफ़र डैम के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सीडब्ल्यूसी की नई डिजाइन के अनुसार मिट्टी के पाले की जगह अब डबल वॉल शीट पाइल कोफ़र डैम बनाया जाएगा, जिसके लिए लगभग 180 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च मंजूर किया गया है।
यह बैराज प्रोजेक्ट पहले केवल सूरत शहर को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए था, लेकिन अब इसके दायरे में ओलपाड़ और चोरयाशी के 25 गांवों में 2365 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई की योजना भी शामिल कर ली गई है। इससे प्रोजेक्ट का महत्व और लागत दोनों बढ़े हैं। रूढ़–भाठा को जोड़ने वाला यह बैराज ताप्ती नदी में 10 किमी लंबा मीठे पानी का बड़ा सरोवर बनाएगा। इसमें 18.73 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण होगा, जिससे सूरत की पीने के पानी की जरूरतें 2050 तक पूरी की जा सकेंगी और पूरे क्षेत्र में भूगर्भ जल का स्तर भी बढ़ेगा।

बैराज की प्रमुख विशेषताएँ—
अनुमानित लागत: 974 करोड़ रुपये
बैराज की लंबाई: 1020 मीटर
चौड़ाई: 33 मीटर
ब्रिज रोड: 3.6 किमी
जलाशय लंबाई: 10 किमी

ताप्ती बैराज आधारित लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत दामका, वांसवा, लवाछा, आडमोर, भाडुत, सुआली, मोरा समेत 25 गांवों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने सिंचाई को प्रोजेक्ट में शामिल किए जाने पर 25 फीसद ग्रांट देने की सहमति जताई है।

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