आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान घटाकर दो फीसदी किया

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मुंबई{ गहरी खोज }: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जीएसटी रेट कटौती और खाद्य कीमतों में तेज गिरावट के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान 2.6 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई दर में गिरावट खाद्य कीमतों में सुधार की वजह से आई है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यहां मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 दिवसीय समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि कुल मिलाकर मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में लगाए गए अनुमान से कम रहने की संभावना है। इसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में गिरावट है। मल्होत्रा ने इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक पर आधारित (सीपीआई) खुदरा महंगाई अब दो फीसदी रहने का अनुमान है। उन्‍होंने इसके तीसरी तिमाही में 0.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 2.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही के लिए सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई दर क्रमशः 3.9 फीसदी और 4.0 फीसदी रहने का अनुमान है।
महंगाई के परिदृश्य पर संजय मल्होत्रा ने कहा कि उच्च खरीफ उत्पादन, अच्छी रबी बुवाई, जलाशयों के पर्याप्त स्तर एवं मिट्टी में अनुकूल नमी से खाद्य आपूर्ति की संभावनाएं बेहतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ धातुओं को छोड़कर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिंस की कीमतों में आगे चलकर नरमी आने की संभावना है। संजय मल्‍होत्रा ने कहा कि अंतर्निहित मुद्रास्फीति दबाव और भी कम है, क्योंकि कीमती धातुओं की कीमत में वृद्धि का प्रभाव लगभग 0.50 फीसदी है, जिसमें जोखिम दोनों ओर समान है।
गौरतलब है कि खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में गिरकर 0.25 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई थी, जो मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी गिरावट और जीएसटी दरों में कटौती के कारण हुई।

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