सोनिया गांधी, खड़गे ने संसद परिसर में नए श्रम संहिताओं के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में नए श्रम संहिताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया और इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की। कांग्रेस, DMK, TMC और वाम दलों के सांसद संसद के मकर द्वार पर एकत्र हुए और नए श्रम कानूनों का विरोध करते हुए नारेबाज़ी की। नेताओं ने पोस्टर और तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराईं।
विरोध प्रदर्शन में खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, TMC की डोला सेन, DMK की कनिमोझी और ए. राजा, CPI(M) के जॉन ब्रिटास और CPI(ML) लिबरेशन के सुधामा प्रसाद सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए। सभी सांसदों ने एक बड़ा बैनर भी थाम रखा था जिस पर लिखा था— “कॉर्पोरेट जंगल राज नहीं, मजदूर न्याय चाहिए।”
केंद्र सरकार ने पिछले महीने 2020 से लंबित चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया था, जिसके विरोध में विपक्ष लामबंद है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पहले से मौजूद 29 श्रम कानूनों को समेटकर उन्हें चार नए कोड के रूप में पेश किया गया है, जिससे श्रमिकों के अधिकार कमजोर होंगे। ये चार कोड— वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियाँ संहिता 2020— कई बड़े बदलाव लेकर आए हैं।
विपक्ष का कहना है कि इन कोडों के तहत छंटनी और ले-ऑफ जैसे मामलों में मनमानी बढ़ सकती है, क्योंकि सरकार ने उन संस्थानों की सीमा, जिन्हें छंटनी के लिए सरकारी अनुमति लेनी होती है, 100 कर्मचारियों से बढ़ाकर 300 कर दिया है। इसके अलावा कारखानों में कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 12 और दुकानों व प्रतिष्ठानों में 9 से बढ़ाकर 10 कर दिए गए हैं। इन बदलावों को लेकर श्रम संगठनों ने भी पहले चिंता जताई थी।
