डिजिटलीकरण और नए वित्तीय उत्पादों के बीच समय पर वैश्विक कर सूचना आदान-प्रदान ज़रूरी: सीतारमण
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में तेज़ी से बढ़ रहे डिजिटलीकरण और नए प्रकार के वित्तीय उत्पादों के उभरने के साथ, दुनिया भर के देशों को कर संबंधी सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान सुनिश्चित करना होगा, ताकि वैश्विक कर प्रणाली में निष्पक्षता और जनता का विश्वास बना रहे।
18वीं ग्लोबल फोरम प्लेनरी बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का उपयोग विवेकपूर्ण निर्णय के साथ किया जाना चाहिए, ताकि विभिन्न देशों के बीच साझा की जाने वाली कर संबंधी जानकारी वास्तविक, उपयोगी और मापनीय परिणाम दे सके। ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपेरेंसी एंड एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन फॉर टैक्स पर्पज़ेज 170 न्यायक्षेत्रों वाला बहुपक्षीय मंच है, जो पारदर्शिता और सूचना-आदान-प्रदान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मानकों की निगरानी और समीक्षा करता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि गोपनीयता और साइबर सुरक्षा को अत्यधिक सावधानी के साथ बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ते डिजिटलीकरण, नए वित्तीय साधनों और लाभकारी स्वामित्व की बदलती संरचनाओं से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “ये ऐसी चुनौतियाँ हैं जिन्हें कोई एक देश अकेले नहीं सुलझा सकता। इसके लिए समन्वय, विश्वास और प्रासंगिक सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान ज़रूरी है।”
सीतारमण ने कहा कि मानकों की समीक्षा, नए मानक तैयार करने और देशों को सहायता प्रदान करने में ग्लोबल फोरम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता तभी कारगर और निष्पक्ष हो सकती है जब वह स्पष्ट नियमों, परस्पर सम्मान और साझा उद्देश्यों पर आधारित हो।
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए, आवश्यकतानुसार मौजूदा मानकों को और मजबूत किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि साझा की गई कर जानकारी वास्तविक परिणामों में बदल सके। “हमारा ध्यान निष्पक्षता, स्थिरता और कर प्रणालियों की साख में जनता के भरोसे को मजबूत करने पर रहना चाहिए,” उन्होंने कहा।
सीतारमण ने कहा कि भारत में पिछले एक दशक में स्वैच्छिक अनुपालन में वृद्धि हुई है, क्योंकि कर प्रणाली में निष्पक्षता और पूर्वानुमेयता सुनिश्चित की गई है। भारत साझा की गई सूचनाओं को व्यापक अनुपालन और जोखिम-विश्लेषण के साथ जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समय पर और प्रभावी तरीके से डेटा को समझने के नए अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन इनका उपयोग “विवेक, जिम्मेदारी और प्रक्रिया के प्रति सम्मान” के साथ होना चाहिए। सीतारमण ने कहा, “नवाचार को हमेशा जवाबदेही के साथ आगे बढ़ना चाहिए। यही संतुलन किसी भी प्रणाली को ताकत और विश्वसनीयता प्रदान करता है।”
