लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ेगा विपक्ष, खड़गे का बड़ा ऐलान

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर संसद के बाहर संयुक्त विपक्ष का विरोध और तेज हो गया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मकर द्वार के बाहर प्रदर्शन के दौरान कहा कि विपक्ष लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करता रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया कई राज्यों में मताधिकार को प्रभावित कर रही है, जो लोकतांत्रिक ढांचे के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के अन्य सांसद सुबह सत्र शुरू होने से पहले ही विरोध में जुट गए। उन्होंने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएं सामने आई हैं और कई राज्यों में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से गायब किए जा रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि बिहार में ही 62 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की रिपोर्ट सामने आई है, जिसे लेकर वे संसद में विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले, शीतकालीन सत्र के पहले दिन भी विपक्ष की इसी मांग को लेकर लोकसभा की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा था। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बताया कि इंडिया ब्लॉक ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि एसआईआर और चुनाव सुधारों पर संसद में बहस जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि लोगों के मतदान के अधिकार से जुड़ा हुआ है। कई बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है और अप्राकृतिक मौतों की खबरें भी चिंताजनक हैं।
टैगोर ने आरोप लगाया कि सरकार इन गंभीर सवालों से बचने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्ष लोकतंत्र और मताधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर बहस के लिए सहमत नहीं होती, प्रदर्शन और विरोध जारी रहेगा।

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