जहरीली दवाइयों पर जवाब दे भाजपा सरकार : नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस का प्रदर्शन, छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड को लेकर सरकार को घेरा
भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया है। पहले दिन सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक दल ने छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में मासूम बच्चों की हुई दर्दनाक मौतों के विरोध में विधानसभा परिसर में जोरदार सांकेतिक प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पूतना वेश में क्यों चुप है सरकार? जहरीली दवाइयों पर भाजपा सरकार जवाब दे।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि छिंदवाड़ा में जहरीली कफ़ सिरप के कारण कई परिवारों के घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए, माताओं की गोद सूनी हो गई, लेकिन पूतना वेश धारण की हुई भाजपा सरकार को आज तक स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी तय करने, समीक्षा करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं मिली। उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि प्रदेश की लाचार, लापरवाह और भ्रष्ट स्वास्थ्य व्यवस्था ने मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ घोर खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि दवाइयों की गुणवत्ता, लाइसेंसिंग, परीक्षण और सप्लाई चेन की पूरी जिम्मेदारी सरकार और स्वास्थ्य विभाग की होती है, लेकिन सरकार ने अब तक न तो पारदर्शी जाँच की रिपोर्ट सार्वजनिक की और न ही किसी बड़े जिम्मेदार अधिकारी या मंत्री पर कार्रवाई की।
सिंघार ने कहा कि यह केवल चिकित्सा लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम स्तर की आपराधिक विफलता है, जिसके लिए शिवराज–मोहन यादव सरकार और भाजपा पूरी तरह जवाबदेह है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छिंदवाड़ा के इन पीड़ित परिवारों का दर्द सिर्फ एक जिला तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को शोक और आक्रोश में डुबो चुका है। जनता यह सवाल पूछ रही है कि जहरीली दवाइयों की खरीद किसके संरक्षण में हुई? दोषी कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर, गिरफ्तारी और अभियोजन की स्थिति क्या है? कितने बच्चों की मौत, कितने गंभीर बीमार, इसकी प्रमाणिक सूची सरकार क्यों छुपा रही है?
उमंग सिंघार ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस न्याय की लड़ाई अंत तक लड़ेगी, जब तक हर जिम्मेदार अधिकारी, मंत्री और संबंधित कंपनी पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई नहीं होती और हर पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा, सरकारी सहायता और न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हम विधानसभा के अंदर और बाहर इस मुद्दे को मजबूती से उठाते रहेंगे।
