भारतीय वायुसेना ने श्रीलंका में 45 नागरिक और 57 सैनिकों को एयरलिफ्ट किया

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कोलंबो{ गहरी खोज }: श्रीलंका में तूफान ‘दित्वाह’ से उत्पन्न भीषण आपदा के बीच भारत ने ‘ऑपरेशन सागरबंधु’ के तहत राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ मिलकर भूस्खलन से प्रभावित कोटमाले क्षेत्र से 45 लोगों को सुरक्षित निकाला। यह इलाका पूरी तरह से संपर्कहीन हो गया था और बाहरी दुनिया से कट चुका था। दिनभर चले अभियान में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 45 फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट किया, जिनमें 6 गंभीर रूप से घायल और 4 बच्चे शामिल थे। सभी को सुरक्षित रूप से कोलंबो पहुंचाया गया। बचाए गए लोगों में 12 भारतीय नागरिकों के अलावा कई अन्य देशों के नागरिक भी शामिल थे।
जमीन पर राहत कार्य को मजबूत करने के लिए भारतीय वायुसेना ने 57 श्रीलंकाई सेना के जवानों को भी प्रभावित क्षेत्र में एयरलिफ्ट किया, ताकि वे रेस्क्यू और सफाई कार्यों में तेजी ला सकें। इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि ऑपरेशन सागरबंधु के तहत भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टरों ने जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, स्लोवेनिया और यूनाइटेड किंगडम के नागरिकों सहित कई लोगों को सुरक्षित निकाला है।भारतीय वायुसेना ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि आईएएफ के हेलीकॉप्टरों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए एक हाइब्रिड रेस्क्यू मिशन संचालित किया। इसके तहत एक समूह गरुड़ कमांडो को पूर्व-निर्धारित हेलिपैड पर उतारा गया, जहां से 24 यात्रियों को सुरक्षित कोलंबो भेजा गया। इसी दौरान तीन गंभीर रूप से घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए कोलंबो ले जाया गया। वायुसेना के अनुसार, कोटमाले क्षेत्र में भूस्खलन और प्रतिकूल मौसम के कारण कई यात्री एक प्रतिबंधित क्षेत्र में फंस गए थे। गरुड़ कमांडो को हेलीकॉप्टर से विंच के माध्यम से नीचे उतारकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

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