“परीक्षा में फेल होकर परीक्षक को दोष देने वाले छात्र जैसे”: SIR की आलोचना पर नक़वी का विपक्ष पर तंज

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रामपुर{ गहरी खोज }: विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की आलोचना पर कटाक्ष करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने शनिवार को कहा कि विपक्ष उसी छात्र की तरह व्यवहार कर रहा है जो बिना पढ़ाई के परीक्षा पास करना चाहता है, और फेल होने पर यह कहकर परीक्षक को दोष देता है कि “पेपर सिलेबस से बाहर था।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “धोखे के डिज़ाइनर” SIR प्रक्रिया पर अपनी दोहरी नीति और पाखंड दिखा रहे हैं।
नक़वी ने कहा, “ये लोग ऐसे छात्र की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो पढ़ाई किए बिना परीक्षा पास करना चाहता है। वह बिना क्षमता के प्रमोशन, बिना योग्यता के सर्टिफिकेट पाना चाहता है, और अगर फेल हो जाए तो अपनी नाकामी छुपाने के लिए परीक्षा और परीक्षक को दोष देता है कि पेपर आउट ऑफ सिलेबस था।”
रिपोर्टरों से बातचीत करते हुए, जब उन्होंने यहां बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को अपना वोटर वेरिफिकेशन फॉर्म सौंपा, नक़वी ने कहा कि BA, B.Com या B.Sc. की डिग्री के बजाय ऐसे “बड़बोले” लोग सिर्फ “BD — बैचलर ऑफ़ डिफीट (हार का स्नातक)” के पात्र हैं। उन्होंने कहा, “इस ‘बैचलर ऑफ़ डिफीट’ डिग्री को इन निराश वंशवादियों ने जैसे कोई बोनस समझ रखा है। ये लोकतंत्र को बदनाम करने के विनाशकारी नाटक में लगे हुए हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी स्थिति ठीक उसी हिंदी कहावत जैसी है—“नाच ना जाने आंगन टेढ़ा।” नक़वी ने आरोप लगाया कि बिहार चुनाव के दौरान भी उनकी “विदेशी मॉडल” पर आधारित “वोट चोरी की कहानी” उनकी सत्ता में “नो एंट्री” को खत्म नहीं कर सकी। उन्होंने कहा, “फिर भी ये ज़मींदार बिना ज़मीन के और जागीरदार बिना जागीर के, लोकतंत्र को वंशवाद का बंधक बनाने की साज़िश कर रहे हैं।” नक़वी ने कहा कि बिहार चुनाव में SIR पर भ्रम फैलाने की इनकी साज़िश नाकाम होने के बावजूद “कांग्रेस एंड कंपनी” SIR को लेकर “राजनीतिक प्रदूषण” फैलाने के अपने असफल प्रयोग को जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि SIR एक संवैधानिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जिसके तहत वैध मतदाताओं की सुरक्षा होती है और अवैध मतदाताओं की समीक्षा कर उन्हें हटाया जाता है। कुछ राजनीतिक दल इस संवैधानिक प्रक्रिया पर “भ्रामक, गुमराह करने वाले और धमकाने वाले” बयान देकर “अपराधी अराजकता” फैला रहे हैं, उन्होंने कहा। दिल्ली ब्लास्ट जांच में अल फला विश्वविद्यालय के संदेह के दायरे में आने पर नक़वी ने कहा कि तकनीक और आतंकवाद के बीच बढ़ता गठजोड़ सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों का नैतिक दायित्व है कि वे ऐसी किसी भी साजिश के प्रति सतर्क और सावधान रहें। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर तीखा हमला बोलते हुए नक़वी ने कहा कि पड़ोसी देश, जो “आतंकवादियों को राष्ट्रीय संपत्ति और आतंकवाद को राष्ट्रीय उद्योग” मानता है, वह “आतंकवाद के संरक्षण और प्रसार का सुरक्षित ठिकाना” बन चुका है।

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