रेलवे ने पार्सल स्थान पट्टे पर देने और एग्रीगेटर पंजीकरण के मानदंड किए सरल
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय रेलवे ने पार्सल व्यवसाय में अधिक भागीदार जोड़ने के लिए एग्रीगेटर पंजीकरण से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण शर्त- न्यूनतम 50 लाख रुपये के वार्षिक कार्यभार को समाप्त कर दिया है। साथ ही पंजीकरण का शुल्क भी 20 हजार रुपये से घटाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है। इन बदलावों से छोटे और मध्यम स्तर के परिवहनकर्ताओं के लिए इस क्षेत्र में प्रवेश काफी आसान हो गया है।
रेलवे बोर्ड के परिपत्र के अनुसार पार्सल स्थान की ई-नीलामी तथा एग्रीगेटर के रूप में पंजीयन के वित्तीय मानदंडों में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। पार्सल स्थान को पट्टे पर देने और एग्रीगेटर पंजीकरण के लिए आर्थिक मानदंडों में व्यापक ढील दी गई है। अब एग्रीगेटर के रूप में पंजीकरण के इच्छुक आवेदकों के लिए कारोबार का कोई न्यूनतम सीमा संबंधी प्रावधान लागू नहीं होगा। नामांकन शुल्क में कमी से भी नए भागीदारों के लिए वित्तीय बोझ कम होगा।
इसके साथ ही पार्सल कार्गो एक्सप्रेस रेल सेवा (पीसीईटी) की खुली निविदाओं में भाग लेने के लिए केवल पंजीकृत पट्टाधारी की योग्यता पर्याप्त मानी जाएगी, जबकि पिछले वर्षों के कारोबार की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। रेलवे ने सभी जोनों और मंडलों को निर्देश दिया है कि इन संशोधित दिशानिर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक इच्छुक परिवहनकर्ता और एग्रीगेटर पार्सल सेवा से जुड़ सकें और रेलवे के पार्सल कारोबार में वृद्धि हो सके।
