राजकीय विश्वविद्यालय शैक्षिक रैंकिंग में सुधार के लिए कार्य करे: राज्यपाल

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राज्यपाल ने राजस्थान विश्वविद्यालय के वाणिज्य महाविद्यालय में नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया

जयपुर{ गहरी खोज }: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि राज्य के वित्त पोषित राजकीय विश्वविद्यालय अपनी शैक्षिक रैंकिंग में सुधार के लिए गम्भीर होकर कार्य करे। उन्होंने इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर अधिकाधिक जोर दिए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलगुरु चयन में यह विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि वे राज्य को उच्च शिक्षा में देश और विश्व में अग्रणी बनाए।
राज्यपाल बागडे गुरुवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के वाणिज्य महाविद्यालय में नव निर्मित भवन ब्लॉक बी के लोकार्पण पश्चात आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने वाणिज्य विषय के अंतर्गत होने वाले कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि जो वाणिज्य का अध्ययन करता है, वह नौकरी के लिए रुचि नहीं रखेगा। वह व्यवसाय करने में रुचि लेगा। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों का नेक ग्रेड होना जरूरी है। विश्वविद्यालय में भवन और दूसरी सुविधाएं होना ठीक है, पर सबसे अधिक जरूरी है वहां शैक्षणिक गुणवत्ता। उन्होंने नैक ग्रेड लिए सभी विश्वविद्यालयों को प्रयास किए जाने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि पहले जो शिक्षा नीतियां थी, वे अंग्रेजों द्वारा स्थापित, उनकी सोच से जुड़ी हुई ही थी। नई शिक्षा नीति पूरी तरह से भारतीय है। उन्होंने विनोबा भावे को स्मरण किया और कहा कि उनका यह मानना था कि जिस दिन देश आजाद हुआ, राष्ट्र का झंडा बदला गया, उसी समय शिक्षा की पद्धति भी बदलनी चाहिए थी।
बागडे ने कहा कि लार्ड मैकाले चाहता था भारत सदा मानसिक रूप से गुलाम बना रहे। इसलिए ऐसी शिक्षा नीति बनाई जो देश के नैतिक बल को कमजोर करे। उन्होंने कहा कि यूरोप में पहली यूनिवर्सिटी 1088 में बोलगना यूनिवर्सिटी बनी। उससे पांच सौ साल पहले हमारे यहां नालंदा और तक्षशिला यूनिवर्सिटी थी। दूर दूर से वहां विद्यार्थी पढ़ने आते थे। वहां के दुर्लभ ज्ञान को नष्ट करने लिए बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को जला दिया। राज्यपाल ने कहा कि भारत ही वह राष्ट्र रहा है, जिसने शून्य का ज्ञान विश्व को दिया। इसी से विश्व को गणना करने की दृष्टि मिली।
समारोह में मालवीय नगर के विधायक कालीचरण सराफ ने विश्वविद्यालय से अपने जुड़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि यहीं से छात्र राजनीति में पहले महासचिव और बाद में विश्वविद्यालय अध्यक्ष बनने का अवसर मिला। इसलिए विश्वविद्यालय के विकास के प्रति वह दायित्व रखते हैं। उन्होंने कॉमर्स कॉलेज को दस लाख रुपये के आर्थिक सहयोग की घोषणा की। विधायक गोपाल शर्मा भी उपस्थित रहे।

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