‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का हथियारों की खरीद में तेजी चिंता का विषय; चीन दीर्घकालिक चुनौती’: वरिष्ठ नौसेना
मुंबई{ गहरी खोज }:भारतीय नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान दुनिया भर से हथियार और गोला-बारूद खरीद रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन अपनी आक्रामकता और तेजी से बढ़ती नौसैनिक क्षमता के कारण भारत के लिए लगातार बनी रहने वाली चुनौती है।
पश्चिमी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल के. स्वामीनाथन ने कहा कि चीनी नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है और उसने पिछले एक दशक में ही भारतीय नौसेना के बराबर का बेड़ा जोड़ लिया है। वे मुंबई में ब्रह्मा रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक सुरक्षा सम्मेलन में बोल रहे थे। वाइस एडमिरल ने कहा कि चीन का तीसरा विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ और पांचवीं व छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन उसकी वैश्विक रणनीतिक महत्वाकांक्षा का संकेत है। उन्होंने बताया, “चीन चिंताजनक रूप से भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में लगातार 5 से 8 जहाजों की मौजूदगी बनाए हुए है,” जिनमें युद्धपोत, शोध पोत, सैटेलाइट ट्रैकिंग जहाज और मछली पकड़ने वाले जहाज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर के साथ-साथ भारतीय महासागर में भी अधिक आक्रामक होता जा रहा है और इसलिए वह भारत के लिए एक स्थायी चुनौती बना रहेगा।
स्वामीनाथन ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर—जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों तथा कई वायुसेना ठिकानों को निशाना बनाया—भारत-पाक रिश्तों में एक अहम मोड़ साबित हुआ है। यह अभियान अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
उन्होंने कहा, “यह इस बात में बहुत बड़ा बदलाव है कि हम पाकिस्तान को कैसे देखते हैं और उपमहाद्वीप में पाकिस्तान की हरकतों पर कैसी प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए।” वाइस एडमिरल ने कहा कि ऑपरेशन खत्म होने के बाद पाकिस्तान जिस तरह से बड़े पैमाने पर हथियार खरीद रहा है, वह पूरे उपमहाद्वीप के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान आर्थिक संकट के बावजूद हथियारों पर भारी खर्च कर रहा है।
स्वामीनाथन ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और चीन की खुली मिलीभगत को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा, “हम इसे हमेशा जानते थे, लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि यह इतनी खुली और स्पष्ट होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि तुर्किये का पाकिस्तान के पक्ष में उभरकर आना—एक बड़े समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में—एक नई और चिंताजनक बात है।
7–10 मई के सैन्य अभियान पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने सामंजस्यपूर्ण, योजनाबद्ध और सटीक प्रहारों के जरिए अपनी बहु-क्षेत्रीय (multi-domain) क्षमता का प्रदर्शन किया। इसी कार्यक्रम में एयर मार्शल राकेश सिन्हा (इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ – ऑपरेशंस) ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने तीनों सेनाओं की पूर्ण तालमेल की क्षमता दिखा दी है। उन्होंने कहा कि वायुसेना ने रणनीतिक पहुंच और सटीक हमलों से निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर दुश्मन कोई भी उकसाने वाली हरकत करेगा तो उसे समय और स्थान हमारी पसंद के अनुसार निर्णायक जवाब मिलेगा – और किसी भी तरह की परमाणु धमकी स्वीकार नहीं की जाएगी।”
