कारोबार बढ़ाने में कर लें चाहे कितनी ही मेहनत, ये दिशा-दोष मुनाफा नहीं होने देंगे; बरकत चाहिए तो इन 5 उपायों से सुधारें वास्तु

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धर्म { गहरी खोज } :आज के समय में हर व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहता है। चाहे कोई छोटा व्यापारी हो या बड़ी कंपनी का मालिक, सभी की इच्छा होती है कि व्यापार में लगातार मुनाफा बना रहे। वास्तु शास्त्र व्यक्ति की तरक्की और समृद्धि में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कारोबार से जुड़ी परेशानियों, घाटे, गलत फैसलों या अटके हुए मुनाफे के पीछे घर या ऑफिस की दिशा-दोष बड़ी वजह बन जाते हैं। खासकर पश्चिम दिशा, जिसे वास्तु में लाभ और इच्छा-पूर्ति की दिशा माना गया है। आइए जानते हैं वे उपाय जो व्यापार में स्थिरता और सफलता दिला सकते हैं।

पश्चिम दिशा क्यों है सबसे महत्वपूर्ण?
वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा लाभ, अवसर और इच्छा-पूर्ति की दिशा है। यदि यह दिशा दोषपूर्ण हो, तो व्यापार में बढ़ोतरी रुक सकती है और मुनाफा हाथ नहीं लगता। कई बार सौदे होते-होते रुक जाते हैं या लागत के बराबर ही लाभ मिलता है। ऐसे में पश्चिम दिशा का साफ और संतुलित होना जरूरी है।

किस प्रकार के दोष बढ़ाते हैं नुकसान?
पश्चिम दिशा में टॉयलेट होना, लाल या हरा रंग अधिक होना या स्टील और तांबे का अत्यधिक प्रयोग व्यापार को प्रभावित करता है। इससे व्यापार में रुकावटें, गलत फैसले और लगातार नुकसान की स्थिति बन सकती है। दिशा दूषित होने पर अवसर होने के बावजूद लाभ प्राप्त नहीं होता।

कौन-से रंग करते हैं दिशा को शुभ?
वास्तु के अनुसार सफेद रंग पश्चिम दिशा का सबसे शुभ रंग है। इसके अलावा पीला, नीला और काला रंग भी सकारात्मक फल देते हैं। इन रंगों का संतुलित उपयोग व्यापार में स्थिरता लाता है और लाभ बढ़ाता है।

क्या पश्चिम दिशा में रसोई होना दोष है?
पश्चिम दिशा में किचन होना वास्तु दोष नहीं माना जाता, लेकिन इसका स्लैब पीले पत्थर का होना चाहिए। पीली स्लैब इस दिशा को ऊर्जा प्रदान करती है और व्यापार में वृद्धि करती है।

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