राम मंदिर पर ध्वजारोहण नए युग की शुरुआत: योगी
अयोध्या{ गहरी खोज } : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राम मंदिर में हुए ध्वजारोहण समारोह को “नए युग की शुरुआत” करार दिया और इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था, सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले सभी “कर्मयोगियों” के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह शुभ दिन उन revered संतों, वीरों और राम भक्तों की अखंड भक्ति को समर्पित है, जिन्होंने अपने जीवन को इस आंदोलन और लंबे संघर्ष के लिए अर्पित कर दिया, जिसका परिणाम आज यह भव्य मंदिर है।”
मुख्यमंत्री के अनुसार, ध्वजारोहण इस बात की पुष्टि है कि “धर्म का प्रकाश शाश्वत है” और राम राज्य के आदर्श सदियों से अमर हैं। यह समारोह राष्ट्र के लिए एक गहन सांस्कृतिक क्षण है। योगी ने कहा कि जब 2014 में नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व संभाला, तब करोड़ों दिलों में “संकल्प और विश्वास का नया सूर्योदय” हुआ था। “आज वह संकल्प इस भव्य राम मंदिर के रूप में पूर्ण हुआ है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि मंदिर के शीर्ष पर फहराता ध्वज सत्यम, न्याय, गरिमा और राष्ट्रीय धर्म का प्रतीक है।
“यह विकसित भारत की उस दृष्टि का भी प्रतीक है, क्योंकि संकल्प का कोई विकल्प नहीं है। बीते 11 वर्षों में भारत ने परिवर्तनकारी बदलाव देखे हैं। आज एक ऐसा भारत दिखाई देता है जहां विरासत और विकास साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं।” योगी ने कहा कि पिछले 500 वर्षों में कई पीढ़ियाँ और शासन बदले, लेकिन भगवान राम में जनता की आस्था ना कभी रुकी, ना झुकी। जब संघर्ष RSS के नेतृत्व में आगे बढ़ा, तब आंदोलन का एक ही संकल्प था —
“रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे”,
“लाठी-गोली खाएंगे, पर मंदिर वहीं बनाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि एक समय अयोध्या उपेक्षा और अव्यवस्था का शिकार थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह अब एक “वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी” के रूप में उभरी है।
