क्या बच्चों के लिए खतरा बन रहा है मां का दूध? बिहार में ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम मिलने से मचा हड़कंप
लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: बिहार में मां के दूध के कुछ नमूनों में यूरेनियम के हल्के निशान मिलने की खबर सामने आई है। डॉक्टरों ने यूरेनियम के स्तर को लेकर चिंता जाहिर की है। कई संस्थानों के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि स्तनपान के दौरान यूरेनियम के संपर्क में आने से छोटे बच्चों में गंभीर गैर-कैंसरकारी स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं। द्वारका स्थित डॉ. मैकक्योर हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट सौरोजीत गुप्ता कहते हैं कि सही निष्कर्ष के लिए और जांच जरूरी होगी। कई बार पानी या मिट्टी में मौजूद छोटे तत्व भी ऐसे नतीजे दे सकते हैं। एक बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में मैं साफ कहना चाहता हूं कि मां का दूध अब भी बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित और फायदेमंद भोजन है। यह बच्चे को मजबूत बनाता है और रोज होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद करता है। फिलहाल स्तनपान बंद करने की कोई वजह नहीं है। जहां यह मामला सामने आया है, वहां पानी और आसपास के माहौल की जांच आगे होगी। मेरे अनुसार घबराने के बजाय साफ जानकारी और जांच के नतीजों का इंतजार करना चाहिए, साथ ही स्थानीय प्रशासन की सलाह मानते रहना चाहिए।
मां का दूध कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है
मैकक्योर हॉस्पिटल एवं आस्था हॉस्पिटल में सह-संस्थापक गायनी एवं आईवीएफ, डॉ. गीता जैन का मानना है कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे सुरक्षित आहार है। मां का दूध शिशु को संक्रमण, डायरिया, निमोनिया और कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है। इसमें मौजूद एंटीबॉडीज़ बच्चे की विकसित हो रही प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ज़रूरी सभी पोषक तत्वों को सही अनुपात में प्रदान करता है।
इसलिए जब तक कोई डॉक्टर स्पष्ट रूप से किसी विशेष चिकित्सकीय कारण से मना न करे, माताओं को बिना किसी चिंता के अपने शिशुओं को पहले छह महीने तक और उसके बाद दो साल तक स्तनपान जारी रखना चाहिए।
माताओं के लिए निवारक उपाय:
चूंकि यूरेनियम का मुख्य स्रोत भूजल है, इसलिए माताओं को केवल फ़िल्टर किया हुआ, RO से शुद्ध किया हुआ, या उबाला हुआ पानी ही पीएँ। संतुलित और ताज़ा खाना खाएं। जंक फूड, पैक्ड फूड और बाज़ार में तले-भुने खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
