99% लोग गंगा स्नान में करते हैं ये बड़ी भूल, ऐसे में पुण्य नहीं लग जाता है पाप: देवकीनंदन ठाकुर

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धर्म { गहरी खोज } :हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां के रूप में पूजा जाता है। कहते हैं जो भी गंगा के पवित्र जल में स्नान करता है उसके समस्त पाप कट जाते हैं। लेकिन आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर जी कहते हैं कि गंगा में स्नान का पुण्य तभी प्राप्त होगा जब आप इसमें स्नान करने के सही नियमों का पालन करें। उन्होंने बताया कि 99 प्रतिशत लोग इन नियमों के बारे में नहीं जानते होंगे और अगर आप भी ये गलती करते हैं तो आप गंगा में अपने पाप धुलकर नहीं आ रहे बल्कि लेकर आ रहे हैं।

गंगा में स्नान के नियम
देवकीनंदन ठाकुर जी बताते हैं कि सबसे पहले तो ये जानना जरूरी है कि गंगा स्नान का लाभ क्या है? तो गंगा स्नान का लाभ ये है कि जब मनुष्य अपने मन में ये धारणा करके जाता है कि मैं गंगा में स्नान करने जा रहा हूं तो जितने कदम वो गंगा नदी की तरफ नंगे पांव बढ़ाता है उतने ही कदमों पर उसे राजसूय यज्ञ और अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है। लेकिन अगर पैरों में चप्पल पहनी हुई होगी तो आपके उस स्नान के पुण्य का आधा लाभ आपकी चप्पलों को मिल जाएगा। तो वहीं जो लोग गाड़ी में जाते हैं गंगा नदी के तट तक तो 50 प्रतिशत तो पुण्य आपकी गाड़ी को ही मिल जाता है तो ऐसे में गंगा नदी में डुबकी लगाने वाले को कुछ नहीं मिलता। इसलिए गंगा से कुछ दूरी पर अपने वाहन को छोड़ देना चाहिए और नंगे पाव जाना चाहिए।

पहले मां गंगा का करें पूजन
गंगा नदी में चरण रखने से पहले गंगा माता का पूजन करें। फिर आचमन करके और संकल्प करके ही गंगा में चरण रखें। आगे देवकीनंदन ठाकुर जी कहते हैं कि जिस समय आप गंगा में चरण रखते हो उस समय नारायण हो जाते हो। जब गंगा को किसी पात्र में लेते हो उस समय आप ब्रह्मा हो जाते हो और जब डुबकी लगाते हो और गंगा आपके सिर पर आ जाती है तो उस समय आप शिव हो जाते हो। इतना बड़ा फल मिलता है गंगा स्नान का।

गंगा स्नान के समय क्या ना करें?
देवकीनंदन ठाकुर जी कहते हैं कि गंगा में कुल्ला ना करें और ना ही वस्त्र धोएं। इसके अलावा अपने शरीर को भी न मलें क्योंकि गंगा पाप धोती है मैल नहीं। शास्त्रों में लिखा है जो व्यक्ति गंगा में कुल्ला करता है उसे पाप लगता है। वहीं जो लोग गंगा तट पर शौच आदि कार्य करते हैं उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप लगता है।

गंगा स्नान के बाद ये गलती भूलकर भी न करें
अक्सर लोग गंगा स्नान के बाद अपना शरीर पोछ लेते हैं। जिस पर देवकीनंदन ठाकुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति गंगा स्नान के बाद अपने शरीर को तौलिये से पोछता है उसके गंगाजल के स्नान का पुण्य समाप्त हो जाता है। जब तक गंगा स्नान के बाद हमारा शरीर न सूखे तब तक हमें गंगा के तट पर ही रहना चाहिए और गंगा स्नान के बाद भजन जरूर करना चाहिए।

गंगा स्नान से पहले जरूर करें ये काम
देवकीनंदन ठाकुर जी ने बताया कि गंगा स्नान से पहले घर में स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आप इन सब नियमों का पालन करते हैं तो तब जाकर गंगा स्नान का पुण्य आपको प्राप्त होगा।

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