भोपाल में कारोबारी दिलीप गुप्ता के ठिकानों पर ईओडब्ल्यू का छापा

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भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को भोपाल के बड़े कारोबारी दिलीप गुप्ता के ठिकानों पर बड़ी छापेमार कार्रवाई की। ईओडब्ल्यू की टीम ने एमपी नगर स्थित उनके ऑफिस और चूना भट्टी क्षेत्र में स्थित आवास पर एक साथ छापा मारा। यह कार्रवाई निवेशकों से कथित तौर पर 35.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में की गई है। ईओडब्ल्यू की टीम ने दोनों ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, पेन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं। पूछताछ और आगे की जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू की दो अलग-अलग टीमें शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे एमपी नगर जोन 2 में ऑफिस और चूना भट्‌टी में दिलीप गुप्ता के घर पर पहुंची। फिलहाल, अफसर दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच कर रहे हैं। ईओडब्ल्यू ने करीब एक महीने पहले दिलीप गुप्ता और उनकी दो कंपनियों– मेसर्स डीजी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड तथा मेसर्स श्री मां सीमेंटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। शिकायत के मुताबिक, आरोपी कारोबारी ने निवेशकों को ऊंचा रिटर्न देने का लालच देकर फर्जी तरीके से 35.37 करोड़ रुपये जमा करवाए और बाद में न तो पैसा लौटाया और न ही कोई रिटर्न दिया। ईओडब्ल्यू के मुताबिक, गुप्ता ने 10 रुपए के शेयर को 12 हजार 972 रुपये में बेचकर निवेशकों को धोखा दिया। ऊंचे फायदे का लालच देकर निवेशकों की पारिवारिक संपत्तियां भी गिरवी रखवा दीं। बंद बैंक खातों से चेक जारी किए।
भोपाल निवासी विनीत जैन और उनकी मां लता जैन ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक से 2.75 करोड़ रुपये और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस से 4.45 करोड़ रुपये का लोन लेकर गुप्ता को निवेश के नाम पर सौंप दिया। जैन के अनुसार, गुप्ता ने भारी मुनाफा दिखाकर उन्हें लोन लेने के लिए प्रेरित किया और फर्जी चेकों व कागजात के सहारे धोखाधड़ी की। मामला केवल ईओडब्ल्यू तक सीमित नहीं रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 31 अक्टूबर को इस मामले में ईसीआईआर दर्ज किया है। जांच अधिकारी इस मामले में अब पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत छानबीन कर कालेधन को सफेद किए जाने के मामले में नए सिरे से पूछताछ करेंगे। डीजी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयर्स की खरीद-फरोख्त से लेकर अमरूद की फसल से डेढ़ करोड़ तक की आय की भी जांच होगी। फर्म से जुड़े रहे कुछ लोगों को भी पूछताछ के दायरे में लिया जाएगा।

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