मंत्री बड़ा या अफसर तय करे सरकार: पंचायत चुनाव पर विपरीत दावों पर हिमाचल के राज्यपाल

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शिमला { गहरी खोज }:पंचायत चुनाव समय पर कराने को लेकर आए परस्पर विरोधी बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को यह तय करना चाहिए कि मंत्री बड़ा है या फिर अफसर। उन्होंने कहा, “मंत्री कह रहे हैं कि चुनाव समय पर होंगे, जबकि उनके अधीन काम करने वाले अफसर, जिनमें सात उपायुक्त भी शामिल हैं, रिपोर्ट दे रहे हैं कि वे मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव की तैयारी करने में असमर्थ हैं।” शुक्ला ने कहा कि दोनों बातें एक साथ सही नहीं हो सकतीं और सरकार को निर्णय लेना चाहिए कि मंत्री बड़ा है या फिर अफसर।
शिमला में ऑडिट वीक के शुभारंभ के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि पंचायत चुनाव कराना संवैधानिक व्यवस्था है और सभी को संविधान का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि विधानसभा चुनाव समय पर नहीं हुए तो राज्य में अस्थिरता का वातावरण पैदा होगा। जहां तक पंचायत चुनावों का सवाल है, राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार दोनों को साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए। चुनाव टालना लोकतंत्र के अनुकूल नहीं होगा।” शुक्ला ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त से एक बंद लिफाफा प्राप्त हुआ है, जिसे वे जल्द खोलेंगे।
पहले, 9 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने मानसून में सड़कों और निजी व सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के मद्देनजर “उचित कनेक्टिविटी की बहाली के बाद ही चुनाव” कराने की बात कही थी। हालांकि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह सहित अन्य मंत्रियों का कहना था कि चुनाव समय पर होंगे। राज्य में 3,500 से अधिक ग्राम पंचायतों के चुनाव दिसम्बर 2025 जनवरी 2026 में होने हैं। चुनाव की अंतिम तिथि 23 जनवरी है और निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच, राज्य में बढ़ती फायरिंग घटनाओं पर सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है और सरकार को इसे सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा, “हिमाचल ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है, और सरकार को इसकी पवित्रता बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।” बुधवार रात ऊना जिले के लालसिंगी में एक होटल में जन्मदिन पार्टी के दौरान विवाद में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक अन्य घटना में, सोलन शहर के बाहरी इलाके ओचघाट में एक 21 वर्षीय युवक ने गुरुवार को हवा में पिस्टल से फायरिंग की। दोनों मामलों में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि ऑडिट लोकतंत्र में एक प्रहरी की तरह काम करता है, और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों ने कई बार राष्ट्रीय राजनीति में गंभीर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा, “यह व्यवस्था जनता के हितों की रक्षा करती है और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।”

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