क्यों खुले में नहीं करना चाहिए भोजन? देवकीनंदन ठाकुर ने बताया खाना खाते समय लोग करते हैं 5 गंभीर गलतियां
धर्म { गहरी खोज } :देवकीनंदन ठाकुर भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु हैं जो श्रीमद भागवत, श्री राम कथा, देवी-भागवत, शिव पुराण और भगवद गीता जैसी कथाओं पर प्रवचन देते हैं। उनकी कथाएं और प्रवचन सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी होते हैं। इन दिनों उनका एक वीडियो इंस्टाग्राम पर काफी दिख रहा है जिसमें देवकीनंदन ठाकुर जी बता रहे हैं कि अक्सर लोग खाना खाते समय कई तरह की गलतियां कर देते हैं। जिसकी वजह से भोजन का फल नहीं मिल पाता। चलिए आपको बताते हैं क्या हैं ये गलतियां और हमारे शास्त्र में भोजन से जुड़े क्या नियम बताए गए हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी ने बताए भोजन के नियम
- देवकीनंदन ठाकुर जी कहते हैं कि शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि मनुष्य को बिना हाथ-पैर धोए कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए।
- भोजन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हम किसी बंद जगह पर ही बैठे हों क्योंकि भोजन करते समय किसी भी जीव का प्रभाव हमारे ऊपर नहीं पड़ना चाहिए। जैसे आपने सुना होगा कि खुले में बैठकर भोजन करने से 3. आकाश में उड़ते जीव का विश भोजन में पड़ने के आसार रहते हैं इसलिए बंद स्थान में भोजन करने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा आदरपूर्वक भोजन करना चाहिए। जिस समय आप भोजन कर रहे हों उस समय आपके मन में क्रोध नहीं होना चाहिए और ना ही लोभ होना चाहिए। इन सब चीजों का त्याग करके भोजन करना चाहिए। अगर आप ऐसे भोजन कर रहे हैं तो समझिए आप सुरक्षित और शुद्ध भोजन कर रहे हैं।
- इसके अलावा भोजन करते समय आपकी पांचों उंगलियां साथ रहनी चाहिए। जैसे आप चावल खा रहे हैं तो पांचों उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए चावल खाएं इनमें से कोई भी उंगली छोड़नी नहीं चाहिए।
इस बात का भी ध्यान रखें कि जितना निवाला मुंह में आसानी से चला जाए उतना ही लेना चाहिए। जो व्यक्ति मुंह से खाना गिराते हुए भोजन करता है उसे भोजन का फल नहीं मिलता है।
